चाँद का फलक
चलो गगन तक घूम आयें
पंछियों सी उड़ान भर आयें
ओस की झरती बूंदों में भीग आयें
हवा की सरगोशियों में पत्तों कीसरसराहट सुन आयें
पर्वतो के देवदार की सवारी कर आयें
कुछ आवारा बादलों से आंखमिचौनी खेल आयें
नन्हे सितारे आँचल में भर लायें
चलो चाँद का फलक चूम आयें
कुछ चमकीली यादें बीन लायें…
Author: Jyotsna Saxena (ज्योत्सना सक्सेना)