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इंदौर के इतिहास में पहली बार कांग्रेस प्रत्याशी ने चुनाव मैदान छोड़ा

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कैसे हो गया इंदौर में ‘बम’ विस्फोट किसी को भनक नहीं लगी !

राम के नारों पर आपत्ति और कैलाश की सक्रियता कांग्रेस को ले डुबी !

लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया है। ऐसे में अब भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी की राह आसान हो गई है। इंदौर के इस घटनाक्रम की पूरी पटकथा कैलाश विजयवर्गीय ने लिखी। विजयवर्गीय का साथ इंदौर दो के विधायक रमेश मेंदोला ने दिया। सूरत घटनाक्रम के बाद से ही दोनों नेताओं ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी थीं।

विजयवर्गीय ने भाजपा हाईकमान को इशारा करते हुए कहा था कि इंदौर में आपको जल्द ही को बड़ा सरप्राइज मिलेगा। हाईकमान को विश्वास में लेने के बाद विजयवर्गीय और उनकी टीम इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम देने में जुट गई थी। कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम से चर्चा होने के बाद विजयवर्गीय ने केंद्रीय नेतृत्व को फिर सूचना दी। दिल्ली दरबार से जैसे ही हरी झंडी मिली, इसके बाद अक्षय कांति बम का नामांकन वापस लेने के प्लान को अमलीजामा पहनाया गया। पूरा मामला गोपनीय रखा गया, ताकि कांग्रेस नेता बम को मना कर रोक न सके। वहीं अक्षय कांति द्वारा नामांकन वापस लिए जाने को लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं। माना जा रहा है कि विरोधी दल के दबाव और चंदन नगर में प्रचार के दौरान उनके द्वारा जय श्री राम के नारे लगाने के बाद कांग्रेस के कई नेताओं द्वारा इस पर आपत्ति लिए जाने को उनकी पार्टी छोड़ने का कारण माना जा रहा है।

सोमवार सुबह भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ अक्षय बम नामांकन लेने कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जिसके बाद शहर में हलचल शुरू हो गई और कांग्रेस और भाजपा नेता सक्रिय हो गए। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस पूरे काम को गोपनीय तरीके से सम्पन्न कराया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद इस पटकथा को सोमवार सुबह कलेक्टर कार्यालय में नाम वापसी के साथ अंजाम दिया गया।

बम पर दोतरफा था दबाव
बम पर दोतरफा दबाव बन रहा था। कालेज में गड़बड़ियों की जांच के साथ ही जमीन के प्रकरण में फंसने का अंदेशा था। जमीन से जुड़े केस भी बम पर चल रहे है। इसके साथ ही माना जा रहा है कि नामांकन फार्म भरने के बाद से ही उन पर विपक्षी दलों का भी दबाव था। चंदन नगर में लगाए थे जय श्री राम के नारे बता दे कि रविवार को मुस्लिम बहुल इलाके चंदन नगर में जनसंपर्क के दौरान अक्षय बम ने जय श्री राम के नारे लगा दिए थे। इस पर कई कांग्रेसियों ने सवाल उठाए थे, साथ ही नेताओं को फोन लगाकर शिकायत भी की थी।

जीतू पटवारी का बयान
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने कहा कि आज इंदौर में एक कांग्रेस प्रत्याशी था उस पर तीन दिन पहले कोर्ट से 307 धारा बढ़वाई गई उसको डराया गया धमकाया गया आज उससे नामांकन फॉर्म निकला गया. जीतू पटवारी ने कहा बिना वोट डाले विधायक चुनेगें बिना वोट डालें सांसद चुनेंगे.फिर जनता की कौन सुनेगा।

पार्टी सेसमर्थन न मिलने का आरोप
नामांकन वापस लेने के बाद अक्षय कांति ने कांग्रेस से समर्थन न मिलने का भी आरोप लगाया था। कांति का कहना है कि नामांकन जमा करने के बाद से ही कांग्रेस की ओर से उन्हें कोई सपोर्ट नहीं कर रहा था।

17 वर्ष पुराने मामले में अक्षय पर लगी कई धाराएं

बता दें कि कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय बम प्राणघातक हमले के मामले में फंसे हुए हैं। जिला न्यायालय ने 17 वर्ष पुराने एक मामले में बम पर हत्या के प्रयास की धारा बढ़ा दी है। अब तक प्रकरण में सिर्फ धारा 323, 506, 147, 148, 149 ही लगी थीं। कोर्ट ने अक्षय और उनके पिता कांति बम को 10 मई को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए भी कहा है। फरियादी युनूस पटेल के वकील मुकेश देवल ने बताया कि मामला कनाडिया क्षेत्र की जमीन का है। यह जमीन फरियादी की थी। अक्षय बम, कांति बम और उनके परिवार के अन्य सदस्यों ने साल 2007 में इस जमीन का सौदा 50 लाख रुपये में करते हुए एक अनुबंध किया था। बाद में आरोपितों ने चेक देकर इस जमीन की रजिस्ट्री भी करवा ली, लेकिन चेक बाउंस हो गया। पुलिस ने इस मामले में मामूली धाराओं में प्रकरण दर्ज किया था। एडवोकेट देवल ने बताया कि प्रथम श्रेणी न्यायिक दंडाधिकारी ने प्रकरण को अगली कार्रवाई के लिए प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश के समक्ष भेज दिया है। आरोपितों को 10 मई को उन्हीं के समक्ष उपस्थित होना है।

@ अक्षय बम के पास 8.50 करोड़ रुपये की चल और 46.77 करोड़ की अचल संपत्ति है।

@ उनकी पत्नी के पास भी 4.28 करोड़ रुपये की चल और 16.08 करोड़ रुपये की अचल संपत्ति है।

@ अक्षय बम ने मैनेजमेंट में पीएचडी करने के अलावा एलएलबी, बीकाम और एमबीए कर रखा है।

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