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Editorial / Article
महिला दिवस पर विशेष
हर बार महिला दिवस पर हम महिलाओं के सम्मान की, उनकी तरक्की की और उनके द्वारा हासिल किए गए पुरुस्कारों के बारे में बातें करते हैं, महिलाओं ने समाज से, समाज की कुरीतियों से और बाहर की दुनिया से जंग किस बहादुरी से लड़ी सब जानते हैं, क्योंकि ये!-->…
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आसिफ बसरा अलविदा
आसिफ के कुछ निर्देशक मित्रों से यह बात पता चली की आसिफ अक्सर बोला करते थेहमारी फ़िल्म इंडस्ट्री स्टार अदाकारों पर केंद्रित है जबकि जितनी महत्ता हीरो की होती है उतनी महत्ता चरित्र अभिनेताओं की भी होती है, लेकिन अफसोस सहयोगी अदाकारों को उतना!-->…
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बागियों की पाला-बदल कबड्डी.. कबड्डी… कबड्डी…
कबड्डी भारत का एक अति-प्राचीन खेल है | संयोग से वरिष्ठता में राजनीति उससे भी ज्यादा प्राचीन शतरंजी खेल है | शायद इसीलिए टांग खींचना दोनों खेलों में एक कॉमन विशेषता होती है | वैसे तो प्रत्यक्ष तौर पर दोनों खेलों में कोई साम्य नहीं है | मगर!-->…
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अलविदा राहत कुरेशी इंदौरी साहब
बुलंद आवाज़- खनकदार तलफ़्फ़ुज़, रौबदार शख्सियत, लाखो अशआर, नज़्में, शेरो शायरी, नग़्मे जो उन्हें मकबूलियत और मारूफियत के साथ तकयामत तक हमारे बीच मे छोड़ गए वह थे राहत इंदौरी साहब हम राहत नामा लिखने निकले तो यह उम्र छोटी पड़ जाएगी, मेरे कुछ!-->…
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रेनकोट में शराफत से भीगता आमआदमी !
बारिश का मौसम अपने शबाब पर है | रेनकोट पहने लोग सड़कों पर कदमताल कर रहे हैं | पता नहीं रेनकोट पहने लोग कदमताल कर रहे हैं या फिर लोगों को अपने भीतर समेटे रेनकोट छपाक-छई का खेल खेल रहे हैं | मुद्दे की बात यह है कि यदि रेनकोट बारिश में घर से!-->…
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अविवाद की कॉलर पकड़ते विवादी विवाद !
पहले किसी दौर में मुद्दों को विवादित बनाने के लिए दबे-छुपे सयानेपन के साथ आपसदारी में उलझाने का चलन हुआ करता था | तब एक नैतिक शर्मदारी का तकाज़ा भी हुआ करता था जिसके चलते यह काम पर्दे की ओंट में छुपकर किसी आखेट के जैसा मुक़म्मल किया जाता था!-->…
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स्त्री के खुले बाल , शोक और अशुद्धि की निशानी
आजकल मातायें बहनें फैशन के चलते कैसा अनर्थ कर रही हैं पूरा पढें…रामायण में बताया गया है कि जब देवी सीता का श्रीराम से विवाह होने वाला होता है, उस समय उनकी माता सुनयना ने उनके बाल बांधते हुए उनसे कहा था, विवाह उपरांत सदा अपने केश बांध कर!-->…
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शिव,योग,और तीसरा नेत्र
सावन माह चल रहा है आज मैं आपको लेकर चलूंगी धर्म की दुनिया में, जिसका सार योग है।योग जो शरीर की वर्तमान अवस्था को चेतन में रहते हुए आप के भीतर ईश्वरीय अवस्था को विकसित करता है।आज पूरी दुनिया योग का अनुसरण कर रही है। कई ज्ञानी तो इस खोज में!-->…
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लैफ्ट राइट के फेर में कोरोना की फ़जीहत…
इतने बड़े कुनबे के साथ रहना भी जैसे एक गुनाह हो गया है। इंसान तो क्या, कोई वायरस भी यहाँ सुकून से नहीं रह सकता। भारत आकर कोरोना भी ज्यादा सुखी नज़र नहीं आ रहा है। कल ही मिला था मुझे मेरे ढोकले के ठेले पर। ढोकले के ठेले की भी अपनी कहानी है।!-->…
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“सावधान….कोरोना का टोना लापरवाहियों के आखेट पर है
जब से मुल्क-प्रधान ने कहा है कि आपदा को भी अवसर के रूप में देखिए, कुछ लोग अवसरों के पीछे गोया हाथ धोकर ही पड़ गए हैं | कोई अवसर को भुना रहा है तो कोई किसी के भुनाए हुए अवसरों पर मन ही मन भुनभुना रहा है | उसकी शिकायत है कि उसका अवसर मेरे!-->…
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