लक्ष्मी
दीपावली का धमाका पूरा पारिवारिक मनोरंजन
निर्देशक :- राघव लारेंस
अदाकार :- अक्षय, कियारा, शरद कपूर, अश्विनी कसलेकर, मुस्कान,आयशा रज़ा, राजेश शर्मा, मनु ऋषि
संगीत :- तनिष्क बागची, अनूप कुमार,अमर मोहिले, साक्षी खुशी
फ़िल्म से पहले मुख्तसर चर्चा
फ़िल्म के नाम लक्ष्मी बंमको लेकर हिन्दू सेना और करनी सेना ने आपत्ति दर्ज कराई गई कि लक्ष्मी देवी के रूप में पूज्यनीय होकर आस्था का विषय है उनके नाम के साध बंम नाम जोड़ने से धार्मिक भावनाएं आहत हो रही है,
अक्षय और निर्माताओं ने फौरन से पेश्तर उनकी आपत्ति सुनी और नाम मे से बंम हटाकर सिर्फ लक्ष्मी पर सहमति बनाई गई
एक विवाद और आया लव जिहाद की फ़िल्म में अक्षय का नाम आसिफ है यानी मुस्लिम हीरोइन का नाम हिन्दू
पर यह मुद्दा केवल बिहार चुनाव तक ही सीमित रहा और जैसे उठा वेसे ही दफन हो भी गया —पर मैं एक छत्र भारत और निरपेक्षता का पक्षधर हु और रहूंगा
इस तरह के मुद्दे देश मे तात्कालिक सरकार के आने से बढ़ने लगे है खैर सूरज निकलता है तो डूबता भी है ही
कंचना का इतिहास समझ लेते है:-
पहली फ़िल्म तमिल फिल्म मुनि थी जो कि बाद में कंचना सीरीज में बदल गई , इस फ़िल्म को प्रतिशोध द रिवेंज नाम से गोल्ड माइंस नेडब कर के प्रदर्शित किया था, मुनी के निर्देशक भी राघव ही थे, पटकथा कहानी निर्देशन राघव का ही था इसकी अवधि थी 146 मिंट, बजट था 5 करोड़, कमाई थी 15 करोड़, फ़िल्म सुपरहिट साबित हुई,
राघव इसकी सीक्वल मुनी 2 पर काम शुरू कर दिए थे, चार साल बाद मुनी 2 प्रदर्शित हुई जिसे नाम दिया गया कंचना बजट था लगभग 4 करोड़, कमाई 30 करोड़,
कंचना 1 की बात भी कर लेते है तमिल मूल भाषा और तमिल में डब कर के प्रदर्शित की गई थी, फ़िल्म को मिश्रित प्रतिक्रिया मिली पर बाद में कई भाषाओं में प्रदर्शित किया गया, 2015 में मुनी 2 (कंचना -2 हिंदी नाम)प्रदर्शित हुई, बजट 30 करोड़ – कमाई 103 करोड़, तमिल तेलगू दोनो में प्रदर्शित, 2019 में मुनी 3 (कंचना- 3), 40 करोड़ बजट और कमाई — 130 करोड़, के -3 काली का करिश्मा नाम से हिंदी में डब किया गया था क्योकि कंचना नाम के अधिकार गोल्डमाइन्स के पास थे,
लक्ष्मी फ़िल्म मुनी -2 की रीमेक है,
कन्नड़ भाषा मे कल्पना, श्रीलंका में माया, म्यंमार में थरथर बिनी, बांग्लादेश में माया बिनी नाम से बनाया गया था, लक्ष्मी नाम से हिंदी वर्जन आ रहा है,
कहानी
आसिफ (अक्षय कुमार) और रश्मि (कियारा आडवाणी) प्रेम विवाह कर चुके है, उनके पास आसिफ के मरहूम भाई भाभी का बेटा भी रहता है, रश्मि अपने विवाह से नाराज घर वालो को मनाना चाहती है कि वह आसिफ को कुबूल कर ले ओर हैप्पी फेमेली बन जाए, रश्मि आसिफ और भतीजे को लेकर अपने मम्मी (आयशा टीजवी) पापा (महेश शर्मा) भाई (मनू रिषी), भाभी (अश्विनी) के घर पहुचते है, इनके बंगले के पास एक खाल प्लॉट है जिसे लोग भूतिया प्लाट मानकर दूर ही रहते है, आसिफ बच्चो के साथ वहां प्लाट पर खेलने पहुच जाता है और शुरू होता है लक्ष्मी का भूतिया खेल
इस भूतिया खेल को समझने और महसूस करने के लिए फ़िल्म देखना बनती है,
लक्ष्मी क्यो भूत बनी घूम रही है और वह क्यो आसिफ के सहारे अपने किन दुश्मनों को अंजाम तक पहुचाती है
फ़िल्म देखी जा सकती है
क्या आसिफ को एक हिन्दू परिवार अपनाता है
इस सवाल के जवाब के लिए भी फ़िल्म देखी जा सकती है।
अदाकारी
अक्षय कुमार अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ अभीनय परोस गए है, कियारा को जितना काम मिला उसमे माकूल लगी है, राजेश शर्मा, आएशा रिजवी, अश्विनी, मनु ऋषि से उनकी अभिनय क्षमता के अनुरूप काम नही लिया गया है,
शरद केलकर उत्कृष्टता की सीमा पार कर अभीनय कर गए है,
निर्देशन
निर्देशन में राघव का यह लगभग चौथा संस्करण है जिसमे औसत ही लगा है
क्यो देखे
अक्षय की शानदार अभिन्य के लिए
किन्नरों को लेकर एक सशक्त सामाजिक सन्देश
कमियां
पटकथा में कसावट और हास्य की कमी लगी, पारिवारिक हास्य को और भी परिष्कृत किया जा सकता था, पटकथा भी साथ छोड़ती नज़र आ रही थी, सहयोगी उम्दा कलाकारों का सही प्रयोग नही किया
गीत संगीत
बेक ग्राउंड संगीत माकूल और बढ़िया है कूल जमा चार गाने जिसमें 2 गाने ठूँसे महसूस होते है
एक तांडव शानदार और कहानी को आगे बढ़ाता है जोंकी लाजवाब बन गया है उस पर अक्षय का नृत्य भी काबिले तारीफ रहा है,
अंत मे
फ़िल्म सिनेमाघरों में प्रदर्शित नही हुई यदि होती तो बड़ी ओपनिंग लेती,
डिजनी हॉटस्टार ने 125 करोड़ में अधिकार खरीदे
सेटेलाइट और इंटरनेट अधिकार बीके 75 करोड़ में
तो फ़िल्म 200 करोड़ प्रदर्शन के पूर्व ही कर चुकी है
फ़िल्म समीक्षक :- इदरीस खत्री