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Editorial / Article
आत्महत्या, आत्मदाह या हत्या…? ये कैसा तिलस्म….जो कभी टूटता ही नहीं…..?
एक बार फिर मैं हाज़िर हूँ आप सुधि जल्वेदारों का "जलवा तड़तड़ी" लेकर.... आज हम बात करेंगे फिर उसी तिलस्म की जो टूटने का नाम ही नहीं ले रहा है.... ये वही तिलस्म है जो अपने कारनामें अमूमन रोज ही हमें दिखा रहा है.... लेकिन जिम्मेदारों को नहीं दिख…
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जाने इंदौर का इतिहास आज स्थापना दिवस पर
आज इंदौर का जन्मदिन है
इंदौर की स्थापना की भूली हुई कहानीयह तब की बात है, जब इंदौर में होल्कर नहीं आए थे। आज से लगभग 300 साल पहले ‘स्पेशल इकॉनोमिक ज़ोन’ के एक दूरदर्शी विचार के तहत इंदौर की स्थापना का बीज पड़ा और यह क्रांतिकारी कल्पना!-->!-->!-->!-->!-->…
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ये है आज के दौर की दीवाली
दीपावली में संदेशे तो बहुत आये लेकिन मेहमान कोई नही आया.... सोचता हूँ ड्राइंग रूम से सोफा हटा दूं... या ड्राइंग रूम का कांसेप्ट बदलकर वहां स्टडी रूम बना दूं...
दो दिन से व्हाट्स एप और एफबी के मेसेंजर पर मेसेज खोलते, स्क्रॉल करते और फिर जवाब…
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तुम्हे न भूल पाएंगे गजोधर भैया – मधुर स्मृति शेष
इस जीवन की आपा - धापी, गला - काट प्रतिस्पर्धा में दो जून की रोटी कमाने में ही लोग बेहद मुश्किलों और परेशानियों के दौर से गुजर रहे हैं... जिम्मेदारियों और बेतहाशा महंगाई ने जीवन को दूभर और जटिल कर रखा है... वर्तमान दौर में आमजनों की स्तिथि!-->…
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हमें अपनी भारतीय भाषा के लिए गर्व की आवश्यकता है
आज के छात्रों को भी नहीं पता होगा कि भारतीय भाषाओं की वर्णमाला विज्ञान से भरी है। वर्णमाला का प्रत्येक अक्षर तार्किक है और सटीक गणना के साथ क्रमिक रूप से रखा गया है। इस तरह का वैज्ञानिक दृष्टिकोण अन्य विदेशी भाषाओं की वर्णमाला में शामिल…
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सब ग्लानि से भरे थे….!
अलविदा उमेश भाई, ये स्वार्थी ज़माना तुम्हारा था भी नहीं
नम आंखों और कांपते हाथों से तुम्हारे शव को कांधे पर उठाते वक्त इंसान ही नहीं, आसमान का आंसू बहाना और श्मशान में अग्नि का तुम्हारी देह को छूते वक्त कांप जाना, यह सामान्य क्रिया!-->!-->!-->!-->!-->…
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आहत मन पर मरहम
प्रदेश के मुखिया शिवराज सिंह चौहान कल इंदौर प्रवास के दौरान उन रोज कमाने खाने वाले लोगो के बीच पहुंचे, जो नगर निगम के सताये हुए है। जो सड़क पर बैठकर गृहस्थी की गाड़ी जैसे तैसे चला रहे है। जिनके साथ हुआ अन्याय हालिया निगम चुनाव में "पीली!-->!-->…
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300 करोड़ का बीआरटीएस किस काम का
# CM के सपनों के शहर में 300 करोड़ का बीआरटीएस किस काम का....# आखिर जनता को नहीं मिल पाया फुट ओव्हर ब्रिज का सुख...# कॉरिडोर पर रोड क्रॉस के लिए कोई व्यवस्था नहीं है , दुर्घटना का डर बना रहता है...
इंदौर : शहर में ट्रैफिक के बढ़ते!-->!-->!-->!-->!-->…
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हो गए चुनाव
परिणाम वही रहे, जो अपेक्षित थे और होने थे
राजनीति में रुचि रखने वाले अपनी विचारधारा के प्रत्याशी और अपने पसंदीदा प्रत्याशी को जितवाने का प्रयास करते हैं, करना भी चाहिए, अपने दल के किये कार्य, आगामी योजनाएँ, प्रत्याशी की कार्यसंस्कृति!-->!-->!-->…
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पुष्यमित्र की सहजता, और सौम्यता इंदोरियंस को भा गई
बहुचर्चित और बहुप्रतीक्षित नगर - निगम चुनाव में सतत पांचवी बार नगर - सरकार पर भगवा - राज आखिरकार पुनः काबिज हो गया है… इस बार के चुनाव के मायने कुछ अलग, खास और अहम थे… जहां पुष्यमित्र को खोने को बहुत कुछ था… शिवराज की लुटिया का भी सवाल था…!-->…
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