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अधिकारी एवं कर्मचारी सुशासन शिविर को गंभीरता से लें – कलेक्टर

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शिवपुरी (IDS-PRO) ग्वालियर संभागायुक्त श्री के.के.खरे की पहल पर संभाग में आयोजित होने वाले सुशासन शिविरों की कड़ी में जिले में भी प्रथम शिविर पोहरी विकासखण्ड के ग्राम छर्च से लगी लगभग 50 ग्राम पंचायतों में एक साथ सुशासन शिविर का आयोजन किया जाएगा। सुशासन शिविर में अधिकारी एवं कर्मचारी पहुंचकर ग्रामीणों की जहां समस्याएं सुनेंगे वहीं शासन की योजनाओं की क्रियान्वयन के संबंध में जमीनी हकीकत की जानकारी भी लेंगे।

जिला कलेक्टर श्री राजीव दुबे ने उक्त आशय की जानकारी आज समय सीमा के पत्रों की समीक्षा बैठक में दी। जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री डी.के.मौर्य सहित जिला अधिकारी एवं जिल के अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) उपस्थित थे।

जिला कलेक्टर श्री दुबे ने कहा कि ग्रामीणों की समस्याओं के निराकरण के लिए जिले में संभागायुक्त की मंशा के अनुरूप मार्च एवं अप्रैल माह में जिले की सभी ग्राम पंचायत स्तरों पर सुशासन शिविरों का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने सभी अधिकारियों को सुशासन शिविरों को पूरी गंभीरता और संवेदनशीलता के साथ लेने के निर्देश दिए और कहा कि इन शिविरो में जनता की समस्याओं का मौके पर ही प्रभावी निराकरण की कार्यवाही भी सुनिश्चित करें। सुशासन शिविरों के लिए चार स्तरीय व्यवस्था होगी। प्रथम स्तरीय व्यवस्था में पंचायत स्तर पर रहेगी। जिसमें सरपंच, सचिव, पटवारी, कोटवार, स्वास्थ्य, कृषि विभाग के कर्मचारी होंगे। दूसरे स्तर पर प्रत्येक पंचायत के लिए जनपद स्तरीय दल गठित होगा। जिसमें पंचायत, महिला एवं बाल विकास, राजस्व, शिक्षा एवं ग्रामीण विकास विभाग आदि के पंच कार्यपालक अधिकारी शामिल होंगे। इनके अलावा प्रत्येक शिविर के लिए जिले के प्रथम या द्वितीय श्रेणी के अधिकारी को प्रभारी नियुक्त किए गए है। तहसीलदार, नायब तहसीलदार एवं जिला अधिकारियों को शिविर का प्रभारी और संबंधित अनुभाग के अनुविभागीय दण्डाधिकारी सेक्टर अधिकारी बनाया गया है।

जिले की 40 से 50 ग्राम पंचायतों का एक क्लस्टर बनाया गया है जिसमें एक ही दिन शिविर आयोजित होंगे। इनमें 20 ग्राम पंचायतों का एक जोन होगा जिसमें कलेक्टर या अपर कलेक्टर भ्रमण करके रेण्डम जांच करेंगे तथा पंाच पंचायतों का एक सेक्टर होगा, जिसके प्रभारी एसडीएम या डिप्टी कलेक्टर होंगे। शिविरों में सीधे हितग्राही की सुनवाई होगी तथा योजनाओं की मैदानी हकीकत की जानकारी ली जाएगी। इनमें पंचायत स्तर पर निपटनें वाले आवेदनों का मौके पर निराकरण किया जाएगा। जिन आवेदनों का अंतिम निराकरण तहसील, जनपद या जिला स्तर पर होना है, उनकी पंचायत स्तर पर की जाने वाली औपचारिकताओं एवं प्रक्रिया की पूर्ति की जाएगी। इस दौरान ग्रामीणों की शासन की विभिन्न हितग्राही एवं कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी प्रदाय कर योजनाओं से संबंधित प्रचार साहित्य वितरित किया जाएगा।

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