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Editorial / Article
चिता का ये धुआं
मैं नहीं जानता प्राण देह से अर्जित ज्ञान और अनुभव का कितना हिस्सा जाते वक्त पार्थिव में छोडक़र जाता है। अगर वह सारे कोष खाली कर देह को अपशिष्ट की तरह छोड़ जाता हो तब भी प्राण के संसर्ग से अर्जित मेधा का कुछ अंश तो रह ही जाता होगा। मैं चाहता…
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लौट कर आयूंगा कूच से क्यों डरूं
अटल थे तो कहाँ जायेंगे यहीं तो है आप उन्हें जहाँ पाएंगे अटल जी जैसी शक्शियतें कभी मरा नहीं करती ये बात और है की मौत से उनकी ठनी थी एवो प्रकर्ति का नियम है उसे हर हाल में सूरते अंजाम होना ही था हुआ भी वही जो होना था रार नहीं ठानने और हार…
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ओझल हुआ राजनीति का ध्रुवतार
अटलजी की सभा के लिए कभी भीड़ नहीं जुटाना पड़ी
जैसे नरेंद्र मोदी या राहुल गांधी की सभा के लिए महीनों पहले से भीड़ जुटाने की रणनीति पर काम करना पड़ता है ऐसे दिन कभी अटलजी की सभा के लिए नहीं देखना पड़े। अटल जी की सभा यानी सिंहस्थ के स्नान…
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जब हम यमदूत का इंतजार करते हैं
जीवन जितनी सहजता से जीया जा सकता है, उतनी ही असहज मृत्यु हो सकती है। खासकर तब जब वह देहरी पर आकर खड़ी हो जाए। न भीतर आए न बाहर जाए। वह द्वार पर खड़ी है, उस भिक्षुक की तरह जो न कटोरा आगे करता है और न पैर आगे बढ़ाता है। गृह स्वामी संकोच में…
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बाढ़ के क़हर को रोकने की दरकार
बरसात का मौसम शुरू ही देश के कई राज्य बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं। बाढ़ से जान व माल का भारी नुक़सान होता है। लाखों लोग बाढ़ से प्रभावित होते हैं। कितने ही लोग बाढ़ की वजह से मौत की आग़ोश में समा जाते हैं। सैकड़ों मकान क्षतिग्रस्त हो जाते हैं,…
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हिन्दू मुस्लिम एकता की मिसाल : नातिया कलाम के हिन्दू शायर “तिलकराज पारस”
हिन्दू धर्म में जिस तरह जगराता और भजन संध्या को जनमानस अध्यात्म और भक्ति से जुड़ा मन को शांति व संकल्प को संतोष देने वाला गीत संगीत से जुड़ा कार्यक्रम होता है वैसे ही मुस्लिम समुदाय में नात शायरी की हैसियत है । रमजान के मौके पर इसके आयोजन…
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” जीजी “
“अरे सुन, बेटा ये लाइट यहाँ लगा और ये फूलों की झालर ऊपर लेजाकर लगा दे और सुमनिया तू तो सजधज कर अभी तक यहीं खड़ी है अरे जल्दी जाकर देख हरीश भैया तैयार हुआ की नहीं ? पांडे जी की खुशी उनके हर काम से मानो छलक –छलक कर बाहर आ रही थी। खुशी की तो…
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अपन तो गपोड़ा नहीं मानते !
मुझे समझ नहीं आता मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने ऐसा क्या गलत कह दिया कि बवाल मच गया। अमरीका यात्रा पर गए सीएम ने एयरपोर्ट से कार में गंतव्य की ओर रवाना होते हुए जो दचके खाए होंगे, उससे ही तो उन्हें सड़कों की दुर्दशा का अहसास हो गया होगा।…
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तुम छेड़ो, हम देखेंगे और वीडियो बनायेगे
दिन दहाड़े, खुली सड़क पर बलात्कार होता है और लोग कुछ नहीं करते. क्या इस पर हमें हैरान होना चाहिए? जब द्रौपदी की साड़ी उतारी गयी थी, तब भी कहां किसी ने कुछ किया था!
दिन दहाड़े, खुली सड़क पर बलात्कार होता है और लोग कुछ नहीं करते. माफ कीजिये,…
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क्या कान सिर्फ प्रशंसा ही सुनने के लिए हैं !
प्रधानमंत्री पटना विश्वविद्यालय के शताब्दी समारोह में कल शामिल होंगे लेकिन यहां के पूर्व छात्र यशवंत सिंहा और शत्रुघ्न सिंहा इस जलसे में आमंत्रित नहीं हैं। कारण सर्वज्ञात है कि यशवंत सिंहा इन दिनों भाजपा में विपक्ष की भूमिका में हैं। उनके…
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