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Editorial / Article

हिंदु पौरांणिक ग्रथों में गीता का स्थान सर्वोपरि

गीता जयंती एक प्रमुख पर्व है हिंदु पौरांणिक ग्रथों में गीता का स्थान सर्वोपरि रहा है | इस वर्ष शनिवार,10 दिसंबर 2016 के दिन गीता जयंती का महोत्सव मनाया जाएगा | आज से लगभग पाँच हजार वर्ष पूर्व मार्गशीर्ष शुक्ल एकादशी के मंगलप्रभात के समय…
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समय की रेत, घटनाओं के हवा महल …!

बचपन में टेलीविजन के पर्दे पर देखे गए दो रोमांचक दृश्य भूलाए नहीं भूलते। पहला क्रिकेट का एक्शन रिप्ले और दूसरा पौराणिक दृश्यों में तीरों का टकराव। एक्शन रिप्ले का तो ऐसा होता था कि क्रिकेट की मामूली समझ रखने वाला भी उन दृश्यों को देख कर…
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श्री गणपति आदर्शों के संस्थापक हैं

भारतीय संस्कृति आदर्शों की संस्कृति है। हमारी संस्कृति में श्री राम, श्री कृष्ण के आदर्शों को हम व्यवहार में लाते हैं। साथ ही अन्य देवी-देवताओं की उपासना करते हैं। उसके पीछे भी यही उद्देश्य होता है कि उनके गुणों को उनके आदर्शों को हम…
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सत्य के धारक भगवान परशुराम

अक्षय तृतीया का भारतीय जनमानस में बड़ा महत्व है। इस दिन स्नान, होम, जप, दान आदि का अनंत फल मिलता है, ऐसा शास्त्रों का मत है। अक्षय तृतीया को ही पीतांबरा, नर-नारायण, हयग्रीव और परशुराम के अवतार हुए इसीलिए इस दिन इनकी जयंती मनाई जाती है।…
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पापा ने समझाया और वह लगन से करने लगा काम

धवल 8 साल का था,वह जो भी काम करता बेमन से करता ,सुबह उठकर जैसे तैसे 2-4 ब्रश मुँह में लगाता,आधा अधूरा कुल्ला करता ,जैसे तैसे शरीर पर पानी डालकर दोस्तों के साथ बाहर खेलने पहुच जाता। 11 बजे घर आता जल्दी जल्दी खाना निगल कर स्कूल पहुँच जाता।…
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जब मैं छोटा था

जब मैं छोटा था, शायद दुनिया बहुत बड़ी हुआ करती थी.. मुझे याद है मेरे घर से "स्कूल" तक का वो रास्ता, क्या क्या नहीं था वहां, चाट के ठेले, जलेबी की दुकान, बर्फ के गोले, सब कुछ, अब वहां "मोबाइल शॉप", "विडियो पार्लर" हैं, फिर भी सब सूना है..…
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अबे 2012!

अबे 2012! तेरे जैसा साल न आये दोबारा। तूने तो सारा देश ही निपटा मारा। सबसे पहले तो छीना कुश्ती का सितारा एक्टिंग का किंग, यानि दारा सिंह। अभी दारा की याद को भूले भी नहीं थे अख़बार, तब तक हमें अलविदा कह गए राजेश खन्ना यानि पहले सुपरस्टार।…
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अगले जनम मोह़े बिटिया ना देना

माँ बहुत दर्द सह कर ... बहुत दर्द दे कर ... तुझसे कुछ कहकर में जा रही हूँ .... आज मेरी विदाई में जब सखियाँ आयेगी ..... सफेद जोड़े में देख सिसक-सिसक मर जायेंगी .. लड़की होने का ख़ुद पे फ़िर वो अफ़सोस जतायेंगी .... माँ तू उनसे इतना कह देना…
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ससुराल

एक लडकी ससुराल चली गई, कल की लडकी आज बहु बन गई. कल तक मौज करती लडकी, अब ससुराल की सेवा करती बन गई. कल तक तो ड्रेस और जीन्स पहनती लडकी, आज साडी पहनती सीख गई. पियर मेँ जैसे बहती नदी, आज ससुराल की नीर बन गई. रोज मजे से पैसे खर्च करती लडकी, आज…
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दादी माँ

मेरे मन की, पिता के मन की, सारे भावों को जान लेती है। ज़िन्दगी को मुद्दत से देखती आई है, हर दुख-दर्द को सहती आई है। अपने ऊपर हर कष्ट लेकर, आँचल का छाँव देती आई है॥ मेरी दादी माँ, मेरे और मेरे पिता के, संग संग हर पल, हर वक़्त रहती है॥
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