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कॉलोनियों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाना होगा

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इंदौर | कॉलोनाइजरों को निर्धारित शर्तें पूरी करने पर कॉलोनी विकास की अनुमति 60 दिन के भीतर दी जायेगी। साथ ही उन्हें दो हेक्टेयर से अधिक की कॉलोनियों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट भी लगाना होगा। जिले में कॉलोनियों में मूलभूत सुविधाओं का विकास सुनिश्चित करने के लिये निर्धारित संख्या में प्लाटों का रजिस्टर्ड मॉडगेज किया जायेगा।

यह जानकारी आज यहां कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई कॉलोनी विकास के संबंध में अनुमति दी जाने के बारे में आयोजित बैठक में दी गई। बैठक में एडीएम श्री सुधीर कुमार कोचर सहित अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे। बैठक में बताया गया कि अब नये नियमों के अनुसार कॉलोनी विकास की अनुमति दी जायेगी। इन्दौर जिले में यह प्रयास किया जायेगा कि निर्धारित शर्तें पूरी करने पर कॉलोनी विकास की अनुमति आवेदन के दिनांक से आगामी 60 दिन के भीतर दे दी जाये। जिले में यह सुनिश्चित किया जायेगा कि अब जो भी कॉलोनियां विकसित हों उनके मूलभूत सुविधाओं का विकास अनिवार्य रूप से हो। मूलभूत सुविधाओं का विकास सुनिश्चित कराने के लिये कॉलोनी में उपलब्ध कुल प्लाटों में से 25 प्रतिशत प्लाट रजिस्टर्ड मॉडगेज के रूप में रखे जायेंगे। कॉलोनी के संबंध में कॉलोनाइजर द्वारा प्रस्तुत विकास प्लान का परीक्षण संबंधित शासकीय विभागों से कराया जायेगा। इन विभागों द्वारा परीक्षण के उपरान्त प्रस्तुत रिपोर्ट के बाद ही अनुमति दी जायेगी। कॉलोनाइजर को निर्धारित आश्रय शुल्क भी जमा करना होगा। साथ ही उन्हें विकास शुल्क भी जमा करना होगा।

बैठक में आज ग्राम पंचायत पानोड़ में विकसित की जाने वाली सिल्वर पार्क कॉलोनी को सैद्धान्तिक रूप से अनुमति दी गई। इस कॉलोनी में उपलब्ध 389 प्लाटों में से 25 प्रतिशत के मान से 95 प्लाट रजिस्टर्ड मॉडगेज के रूप में रखे गये हैं।

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