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Poets Corner

इबारत ए इश्क

अन्फ़स (सुन्दर) ख्वाबों के मेरे शहज़ादे सज़दे में तेरे मोती बिखराए रात भर मेरी स्याह तन्हाई ... सिसकियाँ सरगम सुनाती रहीं रातभर हकीक़त ए हाल(सच्चाई ) जान मुस्काए चंदा कमबख्त सितारों के कारवां की निगाहे रहम (करुण दृष्टि) पर जीती रही रात भर...…
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ससुराल

एक लडकी ससुराल चली गई, कल की लडकी आज बहु बन गई. कल तक मौज करती लडकी, अब ससुराल की सेवा करती बन गई. कल तक तो ड्रेस और जीन्स पहनती लडकी, आज साडी पहनती सीख गई. पियर मेँ जैसे बहती नदी, आज ससुराल की नीर बन गई. रोज मजे से पैसे खर्च करती लडकी, आज…
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श्री सच्चिदानंद सदगुरु साईनाथ महाराज

जबसे बढ़ा सांई से रिश्ता दुनियां छूटी जाय हम आऐ सांई के द्वारे धरती कहीं भी जाय चहूं ओर तूफ़ान के धारे,मैली हवा वीरान किनारे जीवन नैया सांई सहारे फिर भी चलती जाय जबसे बढ़ा सांई से रिश्ता दुनिया छूटी जाय नाम सिमरले जब तक दम है,बोझ ज़ियादा वक्त…
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“मौत” की सोच

कभी एक पल के लिए ठहर ज़रा "मौत" के बारे में सोच, और खींच मत अपना ही "अंत" अपने दोनों हाथों से अपनी ही ओर, बन कठोर इतना की हो नहीं लालच की तुझ में ज़रा भी लोच !! कभी एक पल के लिए ठहर ज़रा "मौत" के बारे में सोच, अब भूल भी जा अपना अभिमान,…
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"मौत" की सोच

कभी एक पल के लिए ठहर ज़रा "मौत" के बारे में सोच, और खींच मत अपना ही "अंत" अपने दोनों हाथों से अपनी ही ओर, बन कठोर इतना की हो नहीं लालच की तुझ में ज़रा भी लोच !! कभी एक पल के लिए ठहर ज़रा "मौत" के बारे में सोच, अब भूल भी जा अपना अभिमान,…
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बेआबरू इंसानियत

ज़लालत की ये अजब दास्ताँ है सुन के बस कलेजा कांपता है किसी मज़लूम, बेबस पे जो टूटे ये जालिमों के ज़ुल्मों की इंतेहा है ! ज़लालत की ये अजब दास्ताँ है, सुन के बस कलेजा कांपता है ! ज़माना इस हैवानियत पे हेराँ है इसां, हालाते इंसानियत पे पशेमाँ है…
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फूलों से शोख उपवन

बसंत के सुरूर में .. कुदरत ने लिखी इबारत.. कतीब (लिखी हुई).. खूबसूरत ग़ज़ल गुलरुख(फूल से सुंदर) शेर से .. हर शाख को सजाया फूलों से शोख उपवन को गुलजार किया लाज की हरी पीली चूनर में लजाई सी नववधू धरा को वादियों ने बाहुपाश में बांधा है…
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एक घर की कहानी

पुछ मत सपनो में किस तरह मिलते है घर देख ले आँखों में आशा की तरह पलते है घर बेघरो से कभी पुछ तो... घर के सुकून की तिशनगी जनम से मरने तक जिन्हें नहीं मिलते है घर...!! तिनका -तिनका जोड़कर वोह ख्वाबो को अपने बुनता रहा , ख्वाब कभी तो हकीकत का…
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प्यारी सी बेटिया

आंगन में महकती खुशबू कि तरह श्रद्धा में वो तुलसी कि तरह हसती मुस्कुराती गुडिया कि तरह बेटीया तो है सुंदर परियो कि तरह | छोटी सी मुस्कान लेकर आती है नन्हे कदमो से जब वो इठलाती है तुत्लाकार जब वो कुछ कहती है घर में खुशहाली छां जाती है | छोटी…
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तुम मुझसे दूर हो

कौन कहता है कि तुम मुझसे दूर हो.. दूर रहकर भी तुम बिलकुल समीप हो.. नयन क्यों जोहें बाट तुम्हारी.. तुम तो बसे पलकों में मोतियों की लड़ी से.. नींदों में तुम्हारे प्यार का पहरा.. ख्वाबों में आते हो बाँध के सेहरा .. जेहन में हमदम तुम छाये से…
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