रेल हादसों से क्या सीखा हमने …
एस- सात कोच की बर्थ संख्या 42 व 43 । 12477 पुरी – हरिद्वार उत्कल एक्सप्रेस में यही हमारी सीट थी। जिससे एक दिन पहले ही हम झांसी पहुंचे थे। दूसरे दिन इसी उत्कल एक्सप्रेस के मुजफ्फरनगर में हादसे का शिकार होने की सूचना से मुझे बड़ा आघात लगा।…
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