सुनने की फुर्सत हो तो आवाज़ है पत्थरों में
ये कहानी है दिल्ली के ’शहज़ादे’ और हिसार की ’शहज़ादी’ की. उनकी मुहब्बत की. गूजरी महल की तामीर का तसव्वुर सुलतान फ़िरोज़शाह तुगलक़ ने अपनी महबूबा के रहने के लिए किया था...शायद यह किसी भी महबूब का अपनी महबूबा को परिस्तान में बसाने का ख़्वाब ही…
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