एक घर की कहानी
पुछ मत सपनो में किस तरह मिलते है घर
देख ले आँखों में आशा की तरह पलते है घर
बेघरो से कभी पुछ तो... घर के सुकून की तिशनगी
जनम से मरने तक जिन्हें नहीं मिलते है घर...!!
तिनका -तिनका जोड़कर वोह ख्वाबो को अपने बुनता रहा ,
ख्वाब कभी तो हकीकत का…
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