एक रुपए की ताकत
आगरा की एक युवती ने इस पुरानी कहावत को सही साबित कर दिखाया कि बूंद-बूंद से समंदर बनता है। दो साल पहले उन्होंने 500 गुल्लक आगरा की इतनी ही दुकानों पर रखे थे और सभी से सिर्फ एक रुपये प्रतिदिन इसमें डालने का अनुरोध किया था। एक-एक रुपये कर आज…
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