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हाईटेक होगा डायल 100

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FRV गाड़ियों की बढ़ेगी संख्या, वाहनों में लगेंगे डैश बोर्ड और बाॅडी वॉर्न कैमरा, कंट्रोल रूम से होगी निगरानी…

भोपाल : प्रदेश में डायल 100 गाड़ियों की संख्या 1 हजार तक बढ़ाने की तैयारी की जा रही है। इसके अलावा इन्हें पहले की अपेक्षा और हाइटेक बनाया जा रहा है दरअसल राज्य सरकार द्वारा ‘डायल 100 कंट्रोल’ को मंजूरी दिए जाने के बाद अब इसके टेंडर की तैयारियां की जा रही है। डायल 100 के दूसरे फेज में प्रदेश में एफआरवी वाहनों की संख्या 2000 हजार तक की जाएगी। फिलहाल प्रदेश में 1 हजार एफआरवी गाड़ियां चल रही है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, डायल 100 वाहनों में डैश बोर्ड और बाॅडी वाॅर्न कैमरे भी लगाए जाएंगे इसकी मदद से कंट्रोल रूम में बैठे-बैठे निगरानी होगी।

काॅलर की पहचान रहेगी गुप्त
भोपाल के डायल 100 गाड़ियों को पहले के मुकाबले ज्यादा हाईटेक किया जा रहा है। इसके अलावा यहां काॅल करने वालों की पहचान को गोपनीय बनाए रखने के लिए इसमें काॅल मास्किंग शुरू की जा रही है। इसमें काॅल कर घटना की सूचना देने वाले की पहचान को गोपनीय बनाए रखने के लिए एफआरवी स्टाॅफ के पास काॅलर के नंबर के स्थान पर वर्चुअल नंबर ही पहुंचेगा। वहीं एफआरवी वाहन में तैनात रहने वाले पुलिसकर्मियों के कंधे पर बाॅडी वार्न कैमरा भी लगाया जाएगा, ऐसे में कार्रवाई के दौरान पूरी रिकाॅर्डिंग होगी और इससे पारदर्शिता आएगी और पुलिसकर्मियों को भ्रष्टाचार के झूठे आरोपों से भी बचाया जा सकेगा।

एफआरवी वाहनों की बढ़ेगी संख्या
डायल 100 के दूसरे चरण के तहत एफआरवी यानी फर्स्ट रिस्पांस व्हीकल वाहनों की संख्या को 2 हजार तक किया जा जाएगा। प्रदेश में अभी ऐसे वाहनों की संख्या 1 हजार है। गृह विभाग के अपर मुख्य सचिव डाॅ. राजेश राजौरा के मुताबिक, प्रदेश में कंडम हो चुके वाहनों को भी रिप्लेस किया जाएगा। इससे रिस्पांस टाइम कम होगा। इसके अलावा हादसों और अपराधों के आंकड़ों के हिसाब से क्षेत्रों में वाहनों की संख्या बढ़ाई जाएगी।

डायल 100 एप पर मिलेगी सभी सुविधा
उधर डायल 100 एप पर अन्य आपात सेवाओं को भी बढ़ाया जा रहा है। इसकी मदद से आम लोग पुलिस के अलावा फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस के लिए भी मदद मांग सकेंगे। यह सुविधा सोशल मीडिया प्लेटफार्म के जरिए भी ली जा सकेगी। उधर हाई-वे पर तैनात रहने वाले एफआरवी वाहनों में फर्स्ट एड बाॅक्स के अलावा स्ट्रेचर भी रहेगा। ताकि आपात स्थिति में घायल को स्ट्रेचर पर नजदीकी हाॅस्पिटल तक पहुंचाया जा सके।

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