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आत्महत्या, आत्मदाह या हत्या…? ये कैसा तिलस्म….जो कभी टूटता ही नहीं…..?

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एक बार फिर मैं हाज़िर हूँ आप सुधि जल्वेदारों का “जलवा तड़तड़ी” लेकर…. आज हम बात करेंगे फिर उसी तिलस्म की जो टूटने का नाम ही नहीं ले रहा है…. ये वही तिलस्म है जो अपने कारनामें अमूमन रोज ही हमें दिखा रहा है…. लेकिन जिम्मेदारों को नहीं दिख रहा है… या यूं कहें कि वो इसे देख कर भी तगड़ी न्यौछावर के कारण नहीं देख पा रहे हैं…. हालांकि वो ना तो गांधारी हैं जो जानबूझ कर अपनी आँखें पट्टी से बन्द करे हुए हैं…. और ना ही वो जन्मजात धृतराष्ट्र हैं…. अंधे हैं…. कि उन्हें कुछ नज़र नहीं आता और वो संजय की आखों पर निर्भर हैं…. भृष्टाचार और भृष्टाचारियों की हद है… जो खुलेआम भृष्टाचार का तांडव मचा रहे हैं और शासन प्रशासन धृतराष्ट्र और गांधारी बना सब देख सुन और पढ़ भी रहा है… लेकिन कुछ करने से लाचार है….जबकि प्रदेश मुखिया सार्वजनिक मंचो से सबकी वाट लगा रहे हैं….और भृष्टाचारियों को दो गज ज़मीन के नीचे दफ़्न करने की बात कर रहे हैं…. आख़िर ये दोहरी ज़ुबानबाज़ी क्यों…. जबकि पूरे प्रदेश में भृष्टाचारियों का बोलबाला है…. हालांकि इसमें प्रदेश या देश के मुखिया का क्या कसूर…. जब निचले ही खेल खेल रहे हैं… और करोड़ों के फेरे में लाखों डकारने में लगे हुए हैं… नियम क़ायदे तो काफ़ूर हो ही जाते हैं इस तरह की कारगुजारी में…. अब जिम्मेदार भी ढीठ हो चुके हैं उन्हें वही करना है जो उन्होंने ठान रखा है क्योंकि भृष्टाचार की न्यौछावर तले उपर से लेकर नीचे तक सब दबे पड़े हैं….

अमूमन रोज़ खुलती पोल…उम्रदराज बीमारों की…

स्वच्छ भारत मिशन के नाम पर हो रही बंदरबाट में अच्छे अच्छों के व्यारे न्यारे हो गए हैं… इस स्वच्छता मिशन में शहर की साफ सफ़ाई होना थी…. लेकिन भृष्टाचारियों ने साफ सफ़ाई का दूसरा ही मतलब निकालते हुए अपनी भृष्टाचारी करतूत करने की जुगत भिड़ाते हुए उसे अंजाम तक पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है… इस स्वछता मिशन में बाक़ायदा कचरा उठाने वाले वाहनों का भी ठेका हुआ था करीब छह साल पहले…. और कचरा वाहन की कंपनी के उस समय के नए नवेले वाहन अब खचरा हो चुके हैं जो कचरा ढोते ढोते बीमार हांफते हुए जब तब दम तोड़ते नज़र आ ही जाते हैं… हालात ये है कि इन वाहनों के परखच्चे उड़ रहे हैं लेकिन इन्हें कपड़ों से बांध कर जैसे तैसे शहर की सड़कों पर दौड़ाया जा रहा है… आप सुधि पाठकों को याद होगा कि कुछ समय पूर्व एक वाहन का पहिया ही चलते चलते गाड़ी का साथ छोड़ गया था… क्योंकि वो दो नटबोल्ट पर ही काम कर रहा था और बचे हुए दो नटबोल्ट भी दम तोड़ गए थे… इसी तरह इन खटारा वाहनों को धक्कामुक्की से चलाया जाता है… बुधवार को फिर खुली ऐसे उम्रदराज,बीमार,अनफिट खचरा वाहन की पोल…. जब उसने कंपनी की प्रताड़ना से तंग आकर आत्मदाह कर लिया….

आत्मदाह या प्रताड़ना….

असल में वार्ड क्रमांक 40 में लगा ग्लोबल कंपनी का बीमार उम्रदराज कचरा वाहन बुधवार की सुबह मक्सी रोड डिपो के सामने अचानक धू धू करके आग के हवाले हो गया…. ये तो ग़नीमत रही कि इस मुख्य चौराहे पर जहां ट्रैफिक सिग्नल भी था…. जिससे कोई बड़ा हादसा घटना दुर्घटना भी हो सकती थी… लेकिन वो वाहन भी बेचारा क्या करता उसके पास आत्मदाह करने के सिवाय कोई चारा नहीं था… क्योंकि उम्रदराज हो चुके इन बीमार वाहनों की भी एक हद है बोझा ढोने की… रियर्मेंट की कगार पर पहुंच चुके ये कचरा वाहन “मरते पर क्या ना करते” की तर्ज़ पर दम तोड़ते नज़र आ रहे हैं… इस आत्मदाही वाहन का आगे का हिस्सा पूरी तरह जलकर खाक हो गया…. और पीछे का हिस्सा जिसमें कचरा लदा था वो बच गया…. फ़ायरब्रिगेट की गाड़ी अगर तुरंत नहीं पहुंचती तो कुछ अप्रिय भी हो सकता था…. लेकिन कंपनी पर अब भी कार्यवाही होने में संशय है….

गवाह सबूत सब लेकिन आरोपी फिर भी बरी ही….?

इस ग्लोबल कंपनी के कर्ताधर्ताओं की करतूतें ना जाने कितनी ही बार बेपर्दा हो चुकी हैं… लेकिन उत्तर विधानसभा के विधायक के नाम वाले कंपनी के मैनेजर को कोई डर भय नहीं किसी का भी…. और वो बड़ी बैखौफी और बेशर्मी से ऐसी घटनाओं और ख़स्ताहाल वाहनों की बेहाल हालत को हल्के में ले रहे हैं…. इस बैखौफी और बेशर्मी का सबब कारण एक ही है कि कंपनी की सेटिंग नरकनिगम के जिम्मेदारों से है….और खटारा वाहनों के साथ ही कचरे की चोरी में भी नरकनिगम के निगमियों की साठगांठ है…. इधर अनफिट वाहनों के ग़ैर क़ानूनी रूप से सड़कों पर दौड़ने पर ना तो अर्थभक्षी नाकारा यातायात विभाग को कोई आपत्ति है और ना ही वसुलीबाज ट्रैफिक पुलिस को कोई सरोकार है…. आख़िर सभी दूर ग्लोबल के ग्लोब (गोले) में सब न्यौछावर में जो फंसे हैं….

कचरे में भी चोरी…..

ग्लोबल खच्चर वाहनों तक ही सीमित नहीं है बल्कि इसके कारनामें और भी हैं…. ये कचरे में कचरा चुरा कर बाले बाले लाखों रुपए के जुगाड़ लगाने से भी नहीं चूक रहा है… कचरे में से प्लास्टिक और अन्य धातुओं को निकाल कर चोरी छूपे बेच कर लाखों की कमाई की जा रही है…. चोरी छुपे ये कारनामा कई सालों से निरंतर जारी है….

काली कमाई के न्यौछावरी और भी….

इस काले कारनामे में कई कलमकारों को भी गैंग में शामिल करते हुए बकायदा लिफ़ाफे की न्यौछावर हर महीने के महीने पहुंचाई जा रही है…. हालांकि इसमें कोई बुराई भी नहीं है लुटेरे के यहाँ लूट हो तो वो संवेधानिक है…. लेकिन इस कंपनी ने अपने चक्कर में कईयों को घनचक्कर जरूर बना दिया है….

खटारा वाहनों की कचरा चोरी का पूरा चिठ्ठा अगले अंक में बेनक़ाब करेंगे…. किस तरह से कचरे को चलते वाहन में ही अलग थलग करके उसे किस तरह छुपाया जाता है और फिर उसे कहाँ ठिकाने लगा कर रोज हजारों में बेचा जाता है… और यही हजार महीनेभर में लाखों में तब्दील होते हैं… किन किन में आताबाती होती है इस राशि की… सबका खुलासा करेंगे अगले अंक में…..

जिम्मेदार उवाच….

“हमने कंपनी को नोटिस जारी किया है और इस तरह की घटना फिर नहीं हो ऐसा आदेशित किया है”…. संजेश गुप्ता (उपायुक्त नगर निगम उज्जैन)

“वाहन में आग शॉर्ट सर्किट से लगी थी जिसे फायरब्रिगेड की मदद से बुझा लिया गया था, जिसमें वाहन का आगे का हिस्सा क्षतिग्रस्त हुआ है”….
उमेश बैस (वाहन प्रभारी नगर निगम)

“मशीनरी है जो चलती है तो खराब भी होती है समय समय पर वाहनों की मरम्मत करवाते हैं लेकिन तकनीकी मिस्टेक का क्या कर सकते हैं”….
पारस जैन (ग्लोबल कंपनी स्थानीय मैनेजर)

“दिखवाता हूँ वाहनों की जानकारी निकाल कर, जो भी विधि संवत कार्यवाही होगी करेंगे”….
संतोष मालवीय (आरटीओ उज्जैन)

चलिए अब चलता हूँ फिर मिलने के वादे इरादे के साथ…. तब तक आप सुधि अपना जलवा क़ायम रखें… दुनिया जले तो जलने दें….

जय कौशल, उज्जैन (म.प्र.)

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