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जानिए 24 वर्ष बाद होली पर कोन से दुर्लभ योग बन रहे है ?

मेरे अनुसार इस शुक्रवार (06 मार्च 2015 ) को होली है और इस बार 24 वर्ष बाद ज्योतिषीय दुर्लभ योग बन रहे हैं। इस दफा होली शुक्रवार को पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में मनाई जाएगी, इस नक्षत्र का स्वामी शुक्र है। चंद्रमा पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र यानी…
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होली पर करें ये तांत्रिक उपाय

मेरे अनुसार तांत्रिक क्रियाओं की दृष्टि से होली का दिन विशिष्ट माना गया है। होली पर्व को तंत्र के अभिचार कर्म का प्रयोग करने के लिए विशिष्ट माना जाता है। तंत्र के अभिचार कर्म का आशय वशीकरण, मोहन, मारण, उच्चाटन, स्तम्भन एवं विद्वेषण से है।…
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रुद्राक्ष की पहचान और रुद्धाक्ष प्रयोग

आमतौर पर आपने देखा होगा की आजकल किसी भी शहर के बाजार में रुद्राक्ष हर दुकान ,चौराहे पर बक रहा हैं और कई नामी कम्पनिया भी इसे बेच रही है, परन्तु इसकी पहचान करना बहुत ही कठिन है। एक मुखी व एकाधिक मुखी रुद्राक्ष महंगे होने के कारण नकली भी…
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होलाष्टक शुरू, अब आठ दिन नहीं होंगे शुभ संस्कार

चन्द्र मास के अनुसार फाल्गुन मास की पूर्णिमा को होलिका पर्व मनाया जाता है. होली पर्व के आने की सूचना होलाष्टक से प्राप्त होती है. "होलाष्टक" के शाब्दिक अर्थ पर जायें, तो होला+ अष्टक अर्थात होली से पूर्व के आठ दिन, जो दिन होता है, वह…
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क्या हैं मंगल दोष और कैसे करें इसकी शांति

ज्योतिष के अनुसार कुंडली में कई प्रकार के दोष बताए गए हैं जैसे कालसर्प योग, पितृदोष, नाड़ीदोष, गणदोष, चाण्डालदोष, ग्रहणयोग, मंगलदोष या मांगलिक दोष आदि। इनमें मंगल दोष एक ऐसा दोष है जिसकी वजह से व्यक्ति को विवाह संबंधी परेशानियों, रक्त…
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2015 जैसी करनी वैसी भरनी वाला होगा

नया अंग्रेजी वर्ष-साल 2015 जैसी करनी वैसी भरनी वाला होगा। इस वर्ष का राजा न्याय प्रिय ग्रह शनि है। यह सबको समान दृष्टि से देखता है। वर्ष वैसे तो व्यापारियों के लिए अच्छा होगा। लेकिन उत्पादन करने वालों को मिलावट या उपभोक्ता से ठगी से पहले सौ…
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क्या हैं त्रिपिंडी श्राद्ध ?

पितरों की प्रसन्ता‍ के लिये धर्म के नियमानुसार हविष्ययुक्त पिंड प्रदान आदि कर्म करना ही श्राध्द कहलाता है। श्राध्द करने से पितरों कों संतुष्टि मिलती है और वे सदा प्रसन्न रहते हैं और वे श्राध्द कर्ता को दीर्घायू प्रसिध्दि, तेज स्त्री पशु एवं…
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क्या हैं नागबलि-नारायण बलि ?

नारायण नागबलि ये दोनो विधी मानव की अपूर्ण इच्छा , कामना पूर्ण करने के उद्देश से किय जाते है इसीलिए ये दोने विधी काम्यू कहलाते है। नारायणबलि और नागबपलि ये अलग-अलग विधीयां है। नारायण बलि का उद्देश मुखत: पितृदोष निवारण करना है । और नागबलि का…
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डाक्टर बनने के संभावित योग

दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करते ही ‘कौन-सा विषय चुनें’ यह यक्ष प्रश्न बच्चों के सामने आ खड़ा होता है। माता-पिता को अपनी महत्वाकांक्षाओं को परे रखकर एक नजर कुंडली पर भी मार लेनी चाहिए। बच्चे किस विषय में सिद्धहस्त होंगे, यह ग्रह स्थिति स्पष्ट…
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पुजा – पाठ कैसे करे ?

1 - पुजा घर ईशान कोण मे हो …॥ 2 - पुजा करने वाले का मुख उत्तर या पुर्व दिशा मे हो । 3 - गणेश, कुबेर और दुर्गा का मुख पश्चिम दिशा मे और हनुमान जी का नैॠत्य कोण मे हो । 4 - शयनकक्ष मे पुजा घर न हो, अगर स्थानाभाव हो तो पुजा घर मे पर्दा लगा ले।…
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