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Poet’s Corner
A collection of Poems. . . .
नारी के अनेक रूप
लडकियाँ यदि बहन है तो शुचिता की दर्पण है ||
लडकी यदि पत्नी है तो खुद का समर्पण है ||
लडकी अगर भाभी है तो भावना का भंडार है ||
लड़की मामी मौसी बुआ है तो स्नेह का सत्कार है ||
लडकी यदि काकी है तो कर्तव्य की साधना है ||
लडकी अगर साथी है तो सुख…
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मोक्ष के द्वार पर
मैं भावनाओ में बह जाना चाहता था ,
पता नहीं भावनाओं का बहाव
कब रूद्र से रौद्र हो गया
और मैं बहता गया बहता गया
ठोकरें खाते खाते
किसी पत्थर के बीच
थम गयी मेरी फंसी हुई
बहती हुई भावनाएं
फूल गयी सांस ही नहीं
यह शरीर भी .
साथ चले बहुत से रिश्ते…
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मोह-माया
राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊं गली गली ।
ले लो रे कोई राम का प्यारा, शोर मचाऊं गली गली ॥
दोलत के दीवानों सुन लो एक दिन ऐसा आएगा,
धन योवन और रूप खजाना येही धरा रह जाएगा ।
सुन्दर काया माटी होगी, चर्चा होगी गली गली,
ले लो रे कोई राम का…
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क्यूँ मै भर चली
पलकों की कोर में..नैनों के छोर में..
अटका हुआ है..पारदर्शी एक बबूला..
अनमोल मोती..सतरंगी एक ख्वाब.
समेटे हूँ...बिखर न जाये कहीं,,,
लुढ़क न जाये कहीं,,रुखसार पे....
स्वप्न सलोना मचल रहा था..
धडकनों में धड़क रहा था...
जागने से डर रही थी..
सैर…
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दिल्ली तक बुलवाओगे
क्या भारत माँ की छाती पर चीनी झंडा लहराओगे.
वो घर मे घुसकर बैठे हैं क्या दिल्ली तक बुलवाओगे.
कद भी जिनका छोटा है अपने जवान की छाती से.
बैठे हैं यहाँ तंबू गाड़े वो बिन बुलाये बाराती से.
उनके शिकारी कुत्ते भी अपनी सीमा पर भोंक रहे.
भारत भूमि…
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दिल्ली की गुड़िया
दिल्ली की गुड़िया के नाम...
सीखनी थी अभी जिसे अस्मिता की परिभाषा.
उसकी अस्मिता को तार-तार करके छोड़ा है..
तन में साँसे अब चले भी तो क्या है.
मन से तो उसको पूरा मार करके छोड़ा है.
समझोगे क्या उसकी पीड़ा खून के भी आँसू रो के.
जिस गुड़िया को…
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तुम क्यों सोचोगे
कितनी बेबस कितनी लाचार
जीवन जीना है दुश्वार
क्या भूलकर भी तुमने कभी पल भर को सोचा
तुम क्यों सोचोगे
क्योंकि तुम तो छलते आये हो
युगों युगों से ....
कभी सिद्दार्थ बनकर
यशोधरा को रुलाया
कभी लक्ष्मण बनकर
उर्मिला को सताया
कभी पांडव बनकर
द्रौपदी…
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परीक्षा
परीक्षाओ का
शुरू हो गया ,
नींद में खलल पड़ी है ।
टी .वी .,पी .सी .बंद हुए,
खेल कूद सब रद्द हुए ।
आई इम्तहान की बेला है ।
मम्मी की डाट पड़ रही ,
पापा वक्त की कीमत ,समझा रहे है ।
दीदी ,भैया को,दी हिदायत,
मेरी मदद ,करने को कह रहे है ।
रात -रात…
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इंतजार
तकती रही
राह मै तेरी ,,
करती रही इंतजार ,
मै तेरी ,
बीते दिन ,
कटे महीने ,
गुजर गए ,
अब ,जाने,
कितने साल ,
खामोश हो गई जुबां ,
नैनो ने नीर सोख लिया है ,
कुसुम सी, जिन्दगी ,
अब बिरहन हो गई है ,
धुंधली हो गई आँखे ,
दिल में धूल जमी है,
यादो…
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नारी तुम केवल श्रद्धा हो!
माँ हो तुम, बहन हो, प्रेयसी हो, अर्धांगिनी हो,
तुमने ही जन्मा और जीना सिखाया, फिर पुरुष
को तुम्हे सताने का विचार भी क्यों आया !
तुम्हारे समर्पण को मैंने कमजोरी माना, तुम्हारे
त्याग को न कभी देखा ना पहचाना!
कभी बातों से, कभी आँखों से, कभी…
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