हम रंगपंचमी क्यों मनाते हैं ?
त्रेता युग के प्रारंभ में श्री विष्णु ने धूलि वंदन किया, इसका अर्थ यह है कि 'उस युग में श्री विष्णु ने अलग-अलग तेजोमय रंगों से अवतार कार्य का आरंभ किया। त्रेता युग में अवतार निर्मित होने पर उसे तेजोमय, अर्थात विविध रंगों की सहायता से दर्शन…
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