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किसानों को कृषि के साथ-साथ फलोद्यान, डेयरी जैसी गतिविधियों से भी जोड़े-श्री दुबे

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शिवपुरी (IDS-PRO) कलेक्टर श्री राजीव दुबे ने रबी फसलों हेतु जिले में यूरिया की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि रबी फसलों हेतु वर्तमान में जिले में निजी विक्रेता एवं सहकारी समितियों पर उर्वरक (यूरिया) पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता बनी रहे, कमी होने पर तत्काल पुनः भण्डारण की व्यवस्था सुनिश्चित करें।

कलेक्टर श्री दुबे ने उक्त आशय के निर्देश जिलाधीश कार्यालय के सभाकक्ष में आज खरीफ फसल उत्पादन एवं रबी में कृषि गतिविधियों की समीक्षा बैठक में दिए। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री डी.के.मौर्य सहित संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थित थे।

जिला कलेक्टर ने रबी फसलों के लिए यूरिया की उपलब्धता की समीक्षा करते हुए कहा कि जिले में गत दिनों हुई वर्षा के कारण रबी फसलों में यूरिया की मांग बढ़ी है। किसानों को उर्वरक खरीदने में किसी प्रकार की परेशानी न हो। इसके लिए सहकारी समितियों में नगद खाद विक्रय केन्द्र भी शुरू किए गए है। जिस पर नियमानुसार पात्र किसानों को ही यूरिया का विक्रय किया जाए। उन्होंने कहा कि कृषक कम लागत में अधिक उत्पादन ले सकें, इसके लिए उन्हें कृषि में होने वाली उन्नत एवं आधुनिक तकनीकियों का उपयोग करने हेतु तकनीकी कर्मचारियों के माध्यम से प्रशिक्षित भी किए जाए।

बैठक में उन्होंने फलोद्यान, पशुपालन, डेयरी व्यवसाय, मछली पालन आदि विभागों की समीक्षा करते हुए कहा कि कृषकों को कृषि के साथ-साथ फलोद्यान, डेयरी, मछली पालन से जुड़कर किसान अधिक उत्पादन ले सकते है। उन्होंने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे प्रगतिशील कृषक एवं पशुपालक जिन्होंने कम लागत में अधिक उत्पादन लिया हैं, उन किसानों के अनुभवों का लाभ अन्य कृषकों को भी दिलाया जाए और ऐसे कृषकों की सफलता की कहानी प्रकाशित कराई जाए। जिससे अन्य किसान भी इन किसानों से प्रेरणा लेकर कम लागत में अधिक उत्पादन ले सके।

बैठक में उपसंचालक कृषि श्री एस.के.एस.कुशवाह ने बताया कि जिले में यूरिया की कोई कमी नहीं है। उन्होंने बताया कि नरवर विकासखण्ड के ग्राम किशनपुर के कृषक श्री विजय सिंह कुशवाह ने सुगंधा किस्म (तीन) धान का संघनीकरण पद्धति से प्रदर्शन कराया गया। जिसकी पैदावार 110 क्विंटल प्रति हेक्टेयर रही। जबकि सामान्यता कृषक अधिकतम 50 से 60 क्विंटल प्रतिहेक्टर धान का उत्पादन लेते है। पोहरी विकासखण्ड के देवरीखुर्द ग्राम के कृषक भागचंद्र पुत्र रतनलाल ने आत्मा योजना अंतर्गत संचालित फार्म स्कूल मे रिज-फरो पद्धति से सोयाबीन में 28.4 क्विंटल प्रति हेक्टर उत्पादन, इसी प्रकार बलबंत सिंह पुत्र रायभान सिंह कुशवाह के खेत पर मुंगफली का उत्पादन 35.2 क्विंटल प्रति हेक्टर लिया गया। उन्होंने बताया कि गत वर्ष रबी में गेहूं संघनीकरण नवीन तकनीकी पद्धति से कोलारस विकासखण्ड के ग्राम सेसईसड़क के कृषक श्री अविनाश रावत द्वारा गेहूं का अधिकतम उत्पादन 91.36 क्विंटल प्रतिहेक्टर प्राप्त किया। जो उत्पादन में प्रदेश में दूसरा स्थान था।

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