इन्दौर | जिला प्रशासन, इंदौर गौरव फाउंडेशन और इंदौर के दानदाताओं के संयुक्त योगदान से राजवाड़ा क्षेत्र स्थित ऐतिहासिक धरोहर कृष्णपुरा की छत्रियों का कायाकल्प एक करोड़ दस लाख रूपये की लागत से किया गया। इन नव श्रृंगारित छत्रियों का आज छत्री परिसर में लोकार्पण किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम की मुख्य अतिथि महापौर नगर निगम श्रीमती मालिनी गौड़ ने कहा कि नगर का विकास करते समय ऐतिहासिक धरोहरों का विशेष ध्यान रखा जायेगा। हमारा वर्तमान इतिहास की नींव पर खड़ा है। कृष्णपुरा छत्रियों का कायाकल्प राज्य शासन की जन भागीदारी निधि और इंदौर के दानदाताओं के सहयोग से हो सका है। इंदौर में दानदाताओं की कोई कमी नहीं है। जिला प्रशासन द्वारा पिछले दिनों कई सराहनीय कार्य किये गये हैं। दानदाताओं के सहयोग से जिला अस्पताल में चार डायलिसिस मशीनें लगाई गई हैं। गत दिवस ढक्कनवाला कुंआ के पास रेडक्रास सोसायटी द्वारा संचालित सस्ती दवा की दुकान का शुभारंभ किया गया और आज इंदौर की ऐतिहासिक धरोहर छत्रियों का लोकार्पण किया जा रहा है। नगर निगम इंदौर के मध्य क्षेत्र में स्थित राजवाड़ा, दुर्गा मंदिर, गोपाल मंदिर और कृष्णपुरा छत्रियों के रखरखाव के लिये विशेष प्रयास करेगा।
इस अवसर पर इंदौर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री शंकर लालवानी ने कहा कि राजवाड़ा इंदौर शहर का ह्मदय स्थल है। इस क्षेत्र से इंदौर शहर के हर व्यक्ति का विशेष लगाव है। इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा शहर का विकास करते समय जिले की सभी ऐतिहासिक धरोहरों, महलों, कुओं, बावड़ियों और मंदिरों का विशेष ध्यान रखा जायेगा।
इस अवसर पर कलेक्टर श्री आकाश त्रिपाठी ने कहा कि कृष्णपुरा छत्रियों का कायाकल्प जनभागीदारी निधि और दान की राशि से किया गया है। 50 प्रतिशत राशि राज्य शासन की जनभागीदारी मद से दी गई है, शेष राशि इंदौर गौरव फाउंडेशन द्वारा दानदाताओं से प्राप्त की गई है। इसकी देखभाल के लिये चैकीदार की नियुक्ति की गई है। पुरातत्व विभाग के मार्गदर्शन में ही इस क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। इन छत्रियों के नव श्रृंगारित करने में क्षेत्रीय सांसद श्रीमती सुमित्रा महाजन, क्षेत्रीय विधायक सुश्री उषा ठाकुर, पूर्व महापौर नगर निगम श्री कृष्णमुरारी मोघे का विशेष सहयोग रहा है। कृष्णपुरा की छत्रियों को चलित विद्युत सज्जा से लैस किया जायेगा और सुरक्षा गार्ड इसकी चैबीस घंटे रखवाली करेंगे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक सुश्री उषा ठाकुर ने कहा कि माँ अहिल्या की यह पावन नगरी ऐतिहासिक धरोहरों की भरमार है। जिला प्रशासन, इंदौर गौरव फाउंडेशन और दानदाताओं ने इसका कायाकल्प करके सराहनीय कार्य किया है। इंदौर के दानदाताओं ने दान देकर अपने धन की पवित्रता को सिद्ध किया है। इस अवसर पर इंदौर गौरव फाउंडेशन के सचिव डॉ. अनिल भंडारी ने कहा कि इंदौर गौरव फाउंडेशन ने वर्ष 2003 में सर्वप्रथम जिला प्रशासन और दानदाताओं के सहयोग से एक करोड़ पच्चीस लाख रूपये की लागत से राजवाड़ा का जीर्णोद्धार किया। उसके बाद शासकीय अहिल्या लायब्रोरी का नवीनीकरण किया और अब राजवाड़ा क्षेत्र स्थित इन छत्रियों का कायाकल्प करके एक उल्लेखनीय कार्य किया है। कार्यक्रम को इंदौर गौरव फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री अशोक चितले ने भी संबोधित किया।
इस अवसर पर महापौर श्रीमती मालिनी गौड़ ने दानदाता श्री भरत मोदी, श्री नवीन मेहता, श्री प्रवीण अग्रवाल, श्री जितेन्द्र मेहता, श्री ओमी चड्ढा, श्री प्रकाश माखीजा, श्री पुनीत अग्रवाल, सहारा ग्रुप, मित्तल ग्रुप, सांघी चेरिटेबल ट्रस्ट के प्रतिनिधियों का शॉल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मान किया। इस अवसर पर वरिष्ठ पत्रकार श्री अभय छजलानी और गणमान्य नागरिक मौजूद थे।