प्यार बढ़ाने वाले टॉनिक
कभी वो आलम था कि बिस्तर पर सिलवटें खत्म नहीं होती थीं। सुबह होंठों पर प्यार की निशानी रहती। हर रात पहली रात जैसी लगती। मगर अब एक कोने में आप लेटी होती हैं तो दूसरे कोने में वह। बेशक प्यार में कोई कमी नहीं आई, लेकिन शायद वो जुनून नहीं रह गया। वही तरंग, वही उमंग और चाहत महसूस करना चाहती हैं, जो पहले मिलन में किया था, तो संभवत: कामोद्दीपक आपकी कुछ मदद करे।
काम को जो बढ़ाए उसे कामोद्दीपक कहते हैं। यह श्रद्धा और सूचन के आधार पर काम करता है। दरअसल यह प्रेम को बढ़ाने वाला एक प्रकार का टॉनिक है। मगर प्रेम करने की अंतिम और पूरी शर्त क्या हो यह ठीक से बता पाना मुश्किल है। किसी के लिए यह पूजा है तो किसी के लिए विश्वास। किसी के लिए संपूर्ण मिलन ही प्रेम है। सच भी है कि प्रेम में पड़ने के बाद एक हो जाने की इच्छा रहती ही है। यदि इसमें कहीं कोई कमी रह जाए तो प्रथम मिलन से वंचित व्यक्ति छटपटाता रहता है। और, इसी कसर को पूरा करने के लिए कामोद्दीपक प्रयोग में लाया जाता है, ताकि मिलन पूरा हो सके।
सेक्सोलॉजिस्ट मानते हैं कि जो चीज पुरुष के अंडकोष और इंद्रिय के आकार का हो, उसे कामोद्दीपक कह सकते हैं जैसे शतावरी, मूली, गाजर, केला, लहसुन आदि। इन्हें सेक्स टॉनिक की तरह इस्तेमाल किया जाता है। इनके सेवन से अनिच्छा इच्छा में बदल जाती है। इनमें भी शतावरी, केला और लहसुन सबसे जल्दी फायदा पहुंचाते हैं। शतावरी इच्छा तो बढ़ाती ही है, बल्कि प्रजनन क्षमता में भी वृद्धि करती है। केला वीर्य के लिए अति उत्तम माना जाता है। वहीं लहसुन वायु की दिक्कत को तो दूर भगाता ही है, वीर्य की गुणवत्ता को भी बढ़ाता है। स्पर्मकाउंट अगर कम हों तो यह कारगर साबित होता है। कहा जाता है कि केले का नियमित सेवन स्त्री-पुरुष दोनों के लिए लाभकारी होता है। महिलाओं में प्रजनन क्षमता बढ़ाता है और गर्भावस्था में आयरन की कमी को दूर करता है। यह भी सच है कि विश्व में ऐसी कोई चीज नहीं बनी जो सीधे तौर पर कामोद्दीपक हो। यानी कामोद्दीपक भी तभी असर करेगा जब व्यक्ति की उस पर पूरी श्रद्धा होगी। आखिर श्रद्धा में ही समस्या का निवारण छिपा रहता है। इस मामले में किसी भी सेक्सोलॉजिस्ट की राय यही है कि सबसे उत्तम कामोद्दीपक आपका अट्रैक्टिव और अंडरस्टैंडिंग पार्टनर है। आपसी समझदारी प्यार को बढ़ाता है और रिश्ते को मजबूत करता है।
आयुर्वेद में शतावरी और अश्वगंधा दोनों को ही कामोद्दीपक माना जाता है। यह काम इच्छा को जागृत करने वाले टॉनिक हैं। इन दिनों पर्सनल मसाज को भी कामोद्दीपक माना जाने लगा है। इसमें स्पर्श ज्यादा महत्वपूर्ण स्थान रखता है। केवल मालिश करने से इसमें लाभ नहीं पहुंचता। स्पर्श बेहद चंचल होना चाहिए। स्पर्श ऐसा हो जिससे देह में तरंग दौड़े। यह सबसे सेक्सुअल ऑर्गन माना जाता है। स्पर्श होंठों से हो या हाथों से, लेकिन उसमें प्रेम और विश्वास नहीं होगा तो वह छुअन उल्टा असर करेगी क्योंकि प्रेम और स्पर्श में परस्पर संबंध है। उस एक खास स्पर्श को आप पहचानने लगते हैं, जिसमें श्रद्धा का रस घुला रहता है। यही श्रद्धा प्रेम को जन्म देती है। सेक्सोलॉजिस्ट की मानें तो स्पर्श करने से लव हॉर्मोन (मोहब्बत का हॉर्मोन) रिसता है, जिसकी वजह से मोहब्बत में इजाफा होता है। इस लव हॉर्मोन को ऑक्सीटोसिन कहते हैं। आप जिससे प्रेम करते हैं, उसका स्पर्श ही आपके लिए पर्सनल मसाज का काम करता है। हालांकि कई जगहों पर यह दावा किया जाता है कि इसके जरिए उनमें कामोन्माद जाग्रत होगा, लेकिन वहां जाने से पहले उसकी विश्वसनीयता को जान लें।
इन दिनों मूड में होती हैं महिलाएं…
अगर आप अपने पार्टनर के साथ सेक्स का भरपूर आनंद उठाना चाहते हैं तो आपके पास कुछ महत्वपूर्ण जानकारियां होनी बेहद जरूरी है। जर्मनी के यूनिवर्सिटी ऑफ बेम्बर्गन के शोधकर्ताओं ने सैकड़ो महिलाओं पर किए गए एक रिसर्च में पाया था कि किस समय महिलाओं के साथ सेक्स करने में ज्यादा आनंद की अनुभूति होती है।
सेक्सोलॉजिस्टों के मुताबिक मासिक पूरा हो जाने के पांच से सात दिन तक महिलाएं सेक्स के मूड मं ज्यादा होती है क्योंकि मासिक पीरियड पूरा होने के बाद सेक्स के लिए उत्तेजित करने वाले हार्मोन्स साक्रिय हो जाते हैं। वर्जीनिया यूनिवर्सिटी के साइक्रियाट्रिक मेडिसन के प्रोफेसर क्लेटन ने कहा कि मासिक पीरियड के बाद महिलाओं के साथ उनके सेक्स की तीव्र इच्छा जागृत होना स्वाभाविक है, क्योंकि इन दिनों में गर्भधारण की संभावना बढ़ जाती है। इस समय में किए गए सेक्स में जो आनंद आता है वह अन्य दिनों के मुकाबले कहीं अधिक होता है।
इन सबके उपरांत सर्वे में यह भी पाया गया कि महिलाओं के साथ उनके सेक्स पार्टनर का इन दिनों के बीच किया जाने वाला सेक्स वैवाहिक संबंधो को सुखी बनाता है और भविष्य में दोनों के बीत सेक्स को लेकर दूरियां कभी नहीं आती।