ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को उनकी सुविधा के अनुसार भारत भ्रमण का प्रस्ताव – श्री नरेन्द्र मोदी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री टोनी एबॉट के अतिथि के रूप में 16 से 18 नवम्बर 2014 तक ऑस्ट्रेलिया का आधिकारिक दौरा किया।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रधानमंत्री एबॉट के साथ कई विषयों पर चर्चा की, संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को सम्बोधित किया और सीनेट के अध्यक्ष, सदन के स्पीकर और विपक्ष के नेता से कैनबरा में मुलाकात की। उन्होंने ब्रिस्बेन, सिडनी और मेलबॉर्न का दौरा किया और राजनीतिक नेताओं, शिक्षाविदों, व्यवसायियों, खिलाडि़यों से मुलाकात की और ऑस्ट्रेलिया में भारतीय समुदाय के लोगों को सम्बोधित किया। प्रधानमंत्री ने अनुसंधान, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संस्थानों का दौरा किया। प्रधानमंत्री की यात्रा के दौरान कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए और नये कार्यक्रमों की शुरुआत की गई।
पहली बार एक ही वर्ष में ऑस्ट्रेलिया और भारत के प्रधानमंत्रियों ने एक साथ दूसरे देशों की यात्रा की जो यह दर्शाता है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया की सामरिक भागीदारी और बढ़ रही है और यह दोनों देशों की समान रुचियों, साझा मूल्यों और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर आधारित है।
प्रधानमंत्री एबॉट और प्रधानमंत्री मोदी ने महसूस किया कि दोनों देशों की भागीदारी में बढ़ोतरी की बहुत अधिक संभावनाएं हैं और दोनों देशों के बीच आर्थिक भागीदारी विशेषतौर पर प्राथमिक क्षेत्रों जैसे संसाधन, शिक्षा, कौशल विकास, कृषि, आधारभूत ढांचा, निवेश, वित्तीय सेवाओं और स्वास्थ्य में सहयोग बढ़ाने पर वे सहमत हुए हैं।
उन्होंने निर्देश दिया कि दोनों देशों के बीच व्यावसायिक सम्बंधों को और अधिक मजबूत करने के लिए निष्पक्ष, संतुलित परस्पर लाभदायक और उच्च गुणवत्ता वाले विस्तृत आर्थिक सहयोग समझौते पर वार्तालाप को शीघ्र पूरा किया जाए। इस सम्बंध में बातचीत का अगला दौर दिसंबर में होगा। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने वस्तुओं और सेवाओं के लिए बेहतर बाजार पहुंच की आशा व्यक्त की। उन्होंने निवेश में वृद्धि पर संतोष व्यक्त करते हुए इस क्षेत्र में और अधिक प्रगति करने की महत्ता को पहचाना। ऑस्ट्रेलिया में संसाधन क्षेत्र में भारतीय निवेश से नौकरियों के सृजन और ऑस्ट्रेलिया की अर्थव्यवस्था में बढ़ोतरी होगी, वहीं भारत में कोल्ड स्टोरेज, ऊर्जा, आधारभूत ढांचे और अन्य क्षेत्रों में ऑस्ट्रेलिया से हुए निवेश से भारत को लाभ मिलेगा।
मजबूत व्यावसायिक सम्बंधों की महत्ता को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री एबॉट ने ऑस्ट्रेलिया-भारत सीईओ फोरम का पुनर्गठन किया है और नए सह अध्यक्षों की जल्द ही नियुक्ति की जाएगी। भारतीय सीईओ के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी ऑस्ट्रेलिया का दौरा किया। जनवरी 2015 में भारत के कई शहरों में ऑस्ट्रेलिया कारोबारी सप्ताह का आयोजन किया जाएगा। भारत वर्ष 2015 में ऑस्ट्रेलिया में मेक इन इंडिया कार्यक्रम का आयोजन करेगा। इसके साथ ही भारत की विनिर्माण क्षमता का प्रदर्शन करने के लिए रत्नों और आभूषणों, इंजीनियरिंग और औषधियों से सम्बंधित प्रदर्शनी का आयोजन करेगा।
ऊर्जा आर्थिक भागीदारी का केन्द्र बिन्दु है। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री एबॉट प्रमुख खनन निवेश परियोजनाओं को शीघ्र मंजूरी देने पर सहमत हुए हैं। उन्होंने स्वच्छ कोयले की प्रौद्योगिकी में सहयोग करने पर हामी भरी और ऑस्ट्रेलिया के संस्थानों और धनबाद स्थित इंडियन स्कूल ऑफ माइंस के बीच भागीदारी की संभावनाओं को तलाश करने का स्वागत किया है। दोनों देश सितम्बर में हस्ताक्षर किए गए असैन्य परमाणु समझौते को लागू करने के लिए प्रशासनिक प्रबंधों को शीघ्र पूरा करने की दिशा में तेजी लाने पर भी सहमत हुए। आने वाले वर्षों में ऑस्ट्रेलिया से यूरेनियम की आपूर्ति भारत की ऊर्जा सुरक्षा में वृद्धि करेगी।
भारत और ऑस्ट्रेलिया आतंकवाद और अन्य अंतरदेशीय अपराधों से निपटने के लिए कार्य करने के प्रति कटिबद्ध हैं। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री एबॉट आतंकवाद से निपटने के लिए बने मौजूदा संयुक्त कार्यबल का पुन:नामकरण करने पर सहमत हुए हैं ताकि इसमें अन्य अंतरदेशीय अपराध जिसमें अवैध अप्रवास पर चल रहा सहयोग भी सम्मिलित है को शामिल किया जा सके। दोनों प्रधानमंत्री सजा प्राप्त कैदियों को एक दूसरे देशों को सौंपने और नशीली दवाओं की समस्या से निपटने संबंधी सहमति पत्र पर हस्ताक्षर के अवसर पर उपस्थित थे। उन्होंने सुरक्षा सहयोग की नई रूपरेखा तैयार किये जाने की बात को रेखांकित किया जिसमें रक्षा, आतंकवाद से मुकाबले, साइबर नीति, निश:स्त्रीकरण और अप्रसार, समुद्री सुरक्षा क्षेत्रों में अधिक सहयोग सम्मिलित है। इस सुरक्षा रूपरेखा ने प्रदर्शित किया है कि दोनों देश आतंकवाद से निपटने और उसका खात्मा करने के लिए एकजुट हैं। इसमें जेहादी समूह में लड़ने के लिए शामिल होने वाले विदेशी आतंकवादी भी शामिल हैं।
प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री एबॉट रक्षा सहयोग को अनुसंधान, विकास और औद्योगिक भागीदारी के क्षेत्र में बढ़ाने पर सहमत हुए। इसके साथ ही रक्षा मंत्री स्तर पर नियमित बैठक, नियमित नौसेना अभ्यास और तीनों सेनाओं के बीच नियमित रूप से आधिकारिक बातचीत करने पर भी सहमति बनी।
दोनों प्रधानमंत्रियों ने ऑस्ट्रेलिया के युद्ध स्मारक पर साथ बिताए समय का स्मरण करते हुए साझा सैन्य इतिहास, जिसमें प्रथम विश्व युद्ध शताब्दी सम्मिलित है, को सहेजने पर सहमति व्यक्त की। दोनों नेताओं ने गलीपोली पर संयुक्त फिल्म निर्माण के लिए प्रसार भारती और एबीसी के बीच सहयोग का स्वागत किया।
भारत और ऑस्ट्रेलिया एक सुरक्षित और समृद्ध क्षेत्र बनाने के लिए मिलकर कार्य कर रहे हैं जिसमें प्रमुख क्षेत्रीय मंच जैसे पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन भी सम्मिलित है। दोनों देशों ने आसियान के साथ अपने जुड़ाव को रेखांकित करते हुए इंडियन ओसन रिम संघ को मजबूत करने और मजबूत मानवीय एवं आपदा राहत क्षमताओं को बढ़ाने, मलेरिया का मुकाबला और क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक भागीदारी द्वारा क्षेत्रीय व्यापार को बढ़ाने के प्रति अपनी कटिबद्धता दोहराई।
दोनों देशों के लोगों के बीच सम्पर्क सम्बंधों में परिवर्तन ला रहा है। प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री एबॉट ने सामाजिक सुरक्षा समझौते पर हस्ताक्षर करने का स्वागत किया जिससे द्विपक्षीय आवाजाही बढ़ेगी और कारोबारी लागत कम होगी। उन्होंने आसान आवाजाही के लिए सुविधाओं को बढ़ाने का स्वागत किया और दोनों देशों के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन क्षेत्र में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करने के अवसर पर साक्षी बने। भारत वर्ष 2015 में ऑस्ट्रेलिया में पर्यटन सप्ताह का आयोजन करेगा। दोनों देशों के फिल्म उद्योग में आपसी सहयोग बढ़ाने के उद्देश्य से श्रव्य-दृश्य सह उत्पादन समझौते पर बातचीत प्रगति पर है।
दोनों देशों के बीच शैक्षिण सम्बंध गहरे और मजबूत हैं। दोनों प्रधानमंत्रियों ने अनुसंधान को प्रोत्साहित करने के लिए ऑस्ट्रेलियाई और भारतीय विश्वविद्यालयों के बीच सहयोग और विशेषतौर पर संयुक्त पीएचडी कार्यक्रम का स्वागत किया। उन्होंने गंगा नदी के संरक्षण के लिए सहयोग की घोषणा की। उन्होंने जल भागीदारी के अंतर्गत नदी बेसिन योजना के क्षेत्र में सहयोग और द्विपक्षीय आदान-प्रदान और कृषि जल प्रबंधन के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान के नये कार्यक्रम का स्वागत किया।
प्रधानमंत्री मोदी और प्रधानमंत्री एबॉट भारत की खेल क्षमताओं को बढ़ाने के प्रयास में एक-दूसरे का सहयोग करने पर सहमत हुए जिसमें निजी क्षेत्र भी सम्मिलित होगा। वे एक विश्वस्तरीय खेल विश्वविद्यालय की स्थापना में सहयोग करने पर भी सहमत हुए। उन्होंने कला और संस्कृति के क्षेत्र में एक सहमति पत्र पर हस्ताक्षर किये जाने का स्वागत किया, जिससे दोनों देशों के बीच व्यापक सांस्कृतिक आदान-प्रदान की रूपरेखा तैयार होगी। भारत की सांस्कृतिक विविधता और गतिशीलता को दर्शाने के लिए वर्ष 2015 में ऑस्ट्रेलिया में भारत महोत्सव का आयोजन किया जाएगा।
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री को उनकी सुविधा के अनुसार भारत भ्रमण का फिर से प्रस्ताव दिया। दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि उच्चस्तरीय यात्राओं ने दोनों देशों के बीच सामरिक भागीदारी बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।