बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय फिर चर्चा में हैं. पहले तो उनके बेटे आकाश विजयवर्गीय का क्रिकेट के बैट से एक अधिकारी को मारने की घटना का वीडियो वायरल हुआ इसके बाद कैलाश विजयवर्गीय काफी पुरानी ब्लैक एंड व्हाइट तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो रही है जिसमें दावा किया जा रहा है कि वह किसी अधिकारी पर जूता ताने खड़े हुए हैं. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केके मिश्रा ने यह तस्वीर शेयर करते हुए कहा, ‘यह घटना वर्ष 1994 की है, जब विजयवर्गीय विधायक हुआ करते थे, उनका वहां मेयर हाउस के पास विवाद हुआ, इस दौरान उन्होंने वहां तैनात आईपीएस अधिकारी प्रमोद फलणीकर पर जूता चलाया था. अब उनके बेटे ने बल्ला चलाया है, यही है संस्कारवान बेटा’. लेकिन सच्चाई शायद यह नहीं है. इस तस्वीर में दिख रहे आईपीएस अधिकारी प्रमोद फलणीकर ने असली बात बताई है. उन्होंने कहा, कैलाश विजयवर्गीय ने कभी भी मुझसे बदतमीजी नहीं की है. जिस घटना की तस्वीर है वह पानी की समस्या को लेकर प्रदर्शन को लेकर है. कैलाश विजयवर्गीय ने जूता दिखाकर कहा था आप के कहने पर धरना खत्म किया पर नगर निगम के चक्कर लगाकर जूते घिस गए है पानी नहीं आया’. प्रमोद ने आगे बताया, ‘ मेरे कहने पर ही कैलाश विजयवर्गीय ने धरना खत्म किया था. इस मामले में बीजेपी कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारी भी हुई थी. फोटो की टाइमिंग को लेकर गलत खबर वायरल की जा रही है. फोटो के गलत प्रचार से मैं बहुत दुखी हूं. फोटो वायरल होने के बाद बच्चे औैर परिचित फोन कर इस घटना के बारे में पूछ रहे हैं. वर्तमान में प्रमोद फड़नीकर एनएसजी के आईजी के पद पर कार्यरत हैंप
भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को भोपाल की विशेष अदालत ने जमानत दे दी। उन पर कई धाराओं में प्रकरण दर्ज किया गया था। गौरतलब है कि आकाश विजयवर्गीय इंदौर के भाजपा विधायक हैं और भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ( Kailash Vijayvargiya ) के बेटे हैं।
इंदौर कोर्ट में जमानत अर्जी पर सुनवाई नहीं होने पर भोपाल की विशेष अदालत में केस ट्रांसफर किया गया था। यह अदालत विशेषकर जनप्रतिनिधियों के प्रकरणों की सुनवाई के लिए बनाई गई है। दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने आकाश को 20-20 हजार रुपए के बांड पर जमानत दे दी। कोर्ट ने जमानत अवधि में तीन शर्त भी रखी हैं। जो आज से ही लागू हो गई हैं। अदालत के आदेशों का पालन करना होगा, किसी गवाहों को धमकाया नहीं जाएगा। इस तरह का अगर कोई दूसरा अपराध किया तो जमानत रद्द होगी।
नगर निगम अधिकारी को क्रिकेट के बैट से पीटने वाले भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय की जमानत अर्जी स्वीकार कते हुए जमानत दे दी। आकाश पहले ही 14 दिन की रिमांड पर हैं। हालांकि कोर्ट के दस्तावेज इंदौर की जेल में पहुंचेंगे तब तक उन्हें जेल में ही रहना होगा।
दिनभर कोर्ट में रही गहमागहमी
इससे पहले शनिवार को दोपहर में 2 बजे विजयवर्गीय की जमानत पर सुनवाई पूरी हो गई थी। दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने के बाद विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेश सिंह ने फैसला सुरक्षित रख लिया। वकीलों के मुताबिक शाम चार बजे फैसला सुनाया जा सकता है। भोपाल अदालत के सूत्रों के मुताबिक भाजपा विधायक के वकील ने आकाश विजयवर्गीय की धाराएं बढ़ाए जाने पर घोर आपत्ति दर्ज कराई हैं।
भाजपा नेता एवं भोपाल की नरेला विधानसभा क्षेत्र के विधायक विश्वास सारंग भी आकाश के वकील के साथ कोर्ट पहुंचे थे। मध्यप्रदेश के विधायकों और सांसदों के मामले में सुनवाई भोपाल की विशेष अदालत में ही होती है। आकाश का मामला भी इसी लिए भोपाल की विशेष अदालत में लाया गया है। पहले यह मामला इंदौर की अदालत में लगाया गया था, जहां कोर्ट ने इसे अपने क्षेत्राधिकार का नहीं बताकर सुनवाई से इनकार कर दिया था।
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