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नर्मदा का जल दवाइयों के लिये सर्वाधिक उपयुक्त

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इंदौर (आई.डी.एस.) हांगकांग की बालाजी फर्मास्युटिकल कम्पनी ने पीथमपुर के आसपास 2 हजार करोड़ रूपये का निवेश करने की इच्छुक है। कम्पनी के सीईओ ने ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान इस संबंध में चर्चा की थी। उन्होंने बताया कि नर्मदा का जल दवाइयों के लिये सर्वाधिक उपयुक्त व गुणकारी होता है। नर्मदा जल का उपयोग दवाइयों में किये जाने पर बेहतर परीणाम प्राप्त हुये हैं। उन्होंने पीथमपुर में तीन प्लॉट भी बुक कराये हैं। आगे की सभी संभावनाओं पर विचार के उपरांत वे यहां दो हजार करोड़ की राशि निवेश कर सकते हैं। यह बात उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने एकेव्हीएन की समीक्षा के दौरान कही। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के दौरान बालाजी कम्पनी के मालिक ने इस संबंध में उनसे चर्चा भी की।

समीक्षा के दौरान बताया गया कि पीथमपुर एसीजेड में अल्केन लेबोट्रीज के द्वारा 700 करोड़ रूपये का निवेश किया जा रहा है। इसके लिये कम्पनी द्वारा जमीन के लिये 25 प्रतिशत की राशि कम्पनी द्वारा जमा की गयी है, शेष राशि एक माह में डिपॉजिट की जायेगी। एसीजेड में कम्पनी को 40 एकड़ जमीन अवंटित की गयी है। इसी के साथ अजंता फार्मा के द्वारा 32 एकड़ का प्लॉट की मांग रखी गयी है। यह कम्पनी 400 करोड़ रूपये का निवेश करेगी। सिन्टैक्स द्वारा भी 200 एकड़ जमीन की मांग रखी गयी है। इस कम्पनी के द्वारा ऑटो मोबाइल सेक्टर में प्लास्टिक सप्लाई का काम किया जायेगा।

केडिला,हेटिज,सीएट टॉयर, श्रीनाथ पैकर्स के द्वारा भी जमीन की मांग की गयी है, जिस पर कार्यवाही की जा रही है। इंदौर में स्मार्ट इण्डस्ट्रीयल क्षेत्र के विकास का काम भी निरंतर तेजी से चल रहा है। जिसमें आवासीय, कमर्शियल, उद्योग सभी संरचनायें एकसाथ उपलब्ध रहेंगी। यह 1200 एकड़ से अधिक क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है।

उद्योग मंत्री द्वारा आईटी पार्क में किये जा रहे निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की गयी,जिसमें बताया गया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के द्वारा आईटी पार्क के विस्तार का कार्य का भी भूमि पूजन किया था,जिसका कार्य भी तीव्र गति से जारी है। इंदौर में आईटी पार्कों के माध्यम से 30 हजार से अधिक रोजगार सृजित होंगे। चार आईटीएसीजेड निजी निवेश से विकसित हो रहे हैं, जिसमें टीसीएस, इन्फोसिस, इम्पेटस, इम्फोबिंस कम्पनी के द्वारा स्वयं के आईटीएसईजेड निर्मित किये जा रहे हैं। एकेव्हीएन के द्वारा क्रिस्टल आईटी पार्क का निर्माण किया गया है, इसका भी विस्तार जारी है। इन सभी आईटी पार्क के द्वारा अपनी पूर्ण क्षमता से कार्य करने पर इम्फोसिस के द्वारा ढाई हजार लोग, इम्पेटस के द्वारा 2 हजार से अधिक, एकेव्हीएन द्वारा निर्मित आईटी पार्क में 5 हजार से अधिक और टीसीएस एवं इम्फोसिस के द्वारा 10-10 हजार लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

समीक्षा के दौरान बताया गया कि विगत वर्ष एकेव्हीएन द्वारा कम्पनियों को डेढ़ सौ एकड़ से अधिक जमीन आवंटित की गयी थी,लेकिन ग्लोबल समिट के बाद अभी तक डेढ़ सौ एकड़ से अधिक जमीन आवंटित की जा चुकी है और 200 एकड़ से अधिक जमीन उद्योगों के लिये रिजर्व हो चुकी है। माईलान कम्पनी के द्वारा पीथमपुर एसीजेड में 800 करोड़ रूपये का निवेश किया गया है और पतांजलि के द्वारा 40 एकड़ भूमि की रजिस्ट्री करायी जा चुकी है।

समीक्षा में बताया गया कि एकेव्हीएन के पास 100 करोड़ रूपये निवेश के 106 से अधिक प्रस्ताव आये हुये हैं, जिन पर कार्य किया जा रहा है और कम्पनियों से बात कर उनको भूमि आवंटित की जा रही है। एकेव्हीएन के पास 13 हजार एकड़ से अधिक का भूमि बैंक है। 3 हजार एकड़ से अधिक विकसित भूमि उपलब्ध है जो उद्योगों को आवंटित की गयी है। 1500 एकड़ से अधिक की भूमि विकसित की जा रही है। बैठक में एकेव्हीएन के एमडी कुमार पुरूषोत्तम ने सभी प्रस्तावों का प्रस्तुत किया और बताया कि एकेव्हीएन के द्वारा पीथमपुर में पानी सप्लाई के लिये 300 करोड़ रुपये का प्रोजेक्ट भी चालू किया गया है,जिसके द्वारा 90 एमएलडी पानी पीथमपुर के उद्योगों के लिये उपलब्ध होगा, जो आगामी 50 वर्षों की जरूरतों का पूरा करेगा। अभी केवल 30 एमएलडी पानी की जरूरत होती है। बैठक में एकेव्हीएन के अधिकारी उपस्थित रहे।

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