दशहरा जिसे विजयदशमी या आयुध पूजा भी कहा जाता है भारत का प्रमुख त्योहार है जिसे भारत के हर कोने में बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है । इसी दिन भगवान् राम ने रावण का वध कर के विजय प्राप्त की थी तथा देवी दुर्गा माँ ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के बाद महिषासुर पर विजय प्राप्त की थी इसीसलिए इस उत्सव को असत्य पर सत्य विजय के रूप में मनाया जाता है ।
दशहरे के दिन लोग शस्त्र पूजा करते है तथा कोई नया कार्य प्रारम्भ करते है । लोग यह पर्व हर्ष और उल्लास से मनाते है इस दिन जगह जगह मेले लगते है और रामलीला का आयोजन होता है । रावण का विशाल पुतला बनाकर उससे जलाया जाता है । अपने भारत के कुछ शहरों का दशहरा बहुत प्रसिद्ध है ।
आइये पढ़ते है भारत के कुछ प्रमुख दशहरे :-
क्या आप लोग जानते है अपने भारत में कितने अनोखे तरीके से दशहरा मनाया जाता है – नहीं? तो आप लोगों को मैसूर का दशहरा देखना चाहिए यह कर्नाटक का प्रसिद्ध दशहरा है जिसे “नदहब्बा” कहते है मैसूर में यह पर्व ४०० साल से मनाया जा रहा है और यह १० दिन का त्यौहार है जो नौ रात्रि के पहले दिन से शुरू होता है और दशमी तक चलता है । दशमी के दिन लोग हाथी को बहुत ही अलग अलग और सुन्दर तरीके से सजाते है और खूब बड़ी संख्या में जलूस निकाला जाता है । इस दिन रंग बिरंगी रोशनियों से मैसूर के पैलेस को सजाया जाता है जिसे देखने लोग बहुत दूर दूर से आते है ।
राजस्थान में वैसे तो बहुत सारे त्यौहार मनाये जाते है परन्तु कोटा का दशहरा पुरे भारत में प्रसिद्ध है यह त्यौहार मनाने हर राज्य के लोग आते है । इस त्यौहार पर बहुत बड़ा मेला लगाया जाता है जो की नवरात्री के पहले दिन से शुरू होता है और लगभग पुरे १ महीने चलता है और यह मेला पुरे भारत में प्रसिद्ध है । विजयदशमी के दिन ७५ फुट लम्बा रावण और मेघनाथ के पुतले को जलाया जाता है । इस मेले में राजस्थान की प्रसिद्ध हाथों की बानी चीज़ें मिलती है ।
दिल्ली के दशहरे के बारे में लगभग आप सभी लोग जानते है । दिल्ली का दशहरा बहुत प्रसिद्ध है और इस त्यौहार को दिल्ली के प्रसिद्ध राम लीला मैदान में आयोजित करते है । दशहरे के कुछ दिन पहले से इस त्यौहार की शुरुवात हो जाती है रामलीला मैदान में राम लीला शुरू हो जाती है और दशहरे के दिन रामलीला का अंतिम अध्याय होता है जिस में रावण का वध कर राम को विजय प्राप्त हुई थी उसके बाद रावण को जला कर लोग दशहरा मनाते है । इस दिन भारत के प्रधान मंत्री कर्यक्रम में भाग लेके इसको पूर्ण करते है ।
हिमचाल का प्रसिद्ध दशहरा जिसको बड़ी धूम धाम से मनाया जाता है। जिन लोगो को बहुत अलग त्यौहार देखना पसंद है उन लोगो को एक बार कुल्लू का दशहरा जरूर देखना चाहिए । कुल्लू का दशहरा बाकि शहरों के दशहरे से बहुत अलग मनाया जाता है । जिस दिन सब जगह दशहरा ख़तम होने को होता है उस दिन से यहाँ ये त्यौहार शुरू होता है यह त्यौहार दशहरे वाले दिन शुरू होता है और पुरे एक सप्ताह चलता है। यहाँ के लोग भगवान रघुनाथ को मानते है और उन्हें ढालपुर मैदान ले के जाते है साथ वहां के जितने भी देवी देवताएं है उन्हें भी साथ में एक खूब बड़े जुलूस के साथ ले जाया जाता है । हिमाचल राज्य ने इस दशहरे हो अंतर्राष्ट्रीय त्यौहार माना है जिसे देखने भारत के हर कोने से लोग आते है ।
बस्तर का दशहरे के बारे में बहुत काम लोग जानते है पर यह दशहरा भी उतना ही प्रसिद्ध है और अनोखा है जितने की ये बाकी दशहरे है यह दशहरा ७५ साल से मनाया जा रहा है । यहाँ पर लोग दुर्गा माँ की जगह यहाँ की प्रसिद्ध धंतेश्वरी माँ को मानते है और दशहरे वाले दिन उनकी पूजा करते है और साथ ही आस पास के जितने गांव के लोग है वो सब देवी माँ की पूजा के लिए यहाँ आते है और अपने साथ सभी देवी देवता को लाते है धंतेस्वरी देवी माँ के मंदिर में रख कर पूजन करते है । इस उत्सव की शुरुवात अगस्त माह से शुरू हो जाती है और दशहरे तक चलती है ये उत्सव भारत का सबसे लम्बा उत्सव है ।
लेखक :- स्वीकृति दंडोतिया